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कोरोना के डर व आíथक तंगी से आया हार्ट अटैक

पहले नौकरी छूटी सोचा घर आएंगे तो कुछ काम करेंगे लेकिन परेशानियां नहीं थमीं और आखिरकार एक गरीब की जान चली गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 10:10 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 06:13 AM (IST)
कोरोना के डर व आíथक तंगी से आया हार्ट अटैक
कोरोना के डर व आíथक तंगी से आया हार्ट अटैक

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: पहले नौकरी छूटी, सोचा घर आएंगे तो कुछ काम करेंगे, घर पहुंचते ही होम क्वारंटाइन, कोरोना संक्रमण में लोगों का शक, बढ़ती आíथंक तंगी में दो बच्चों व पत्नी की जिम्मेदारी। एक महीने यह झेलने के बाद आखिर नवीन के शरीर ने जवाब दे दिया। और उसे हार्ट अटैक आ गया। अब वह हल्द्वानी में एक निजी अस्पताल में अपनी जिदगी से जंग लड़ रहा है।

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भकुनखोला, गरुड़ निवासी नवीन सिंह उम्र 48 साल पिछले पांच सालों से मुम्बई में एक होटल में काम कर रहा था। कोरोना-कोविड 19 संक्रमण हुआ तो नौकरी चली गई। बीते 21 मार्च को वह घर आ गया। पत्नी हिमानी और दो बच्चे निहाल 10 साल और सौरभ उम्र 7 साल की जिम्मेदारी उसी के कंधों में है। भकुनखोला में वह किराए के मकान में रहता है। मुम्बई से आते ही नवीन को होम क्वारंटाइन कर दिया गया। ऐसे में परिवार के गुजर-बसर की चिता होने लगी। बाहर भी नहीं जा सकता। किसी से मदद मांगे भी तो कैसे। लोगों को वह संदिग्ध कोरोना मरीज लगता था।

परिवार की चिता करते-करते उसका शरीर आखिर जवाब दे गया। बीते 21 अप्रैल को उसको घर में ही हार्ट अटैक आ गया। चार बजे तड़के परिजन उसे सीएचसी बैजनाथ ले गए। उन्होंने अल्मोड़ा रेफर कर दिया। 22 अप्रैल को अल्मोड़ा में प्राइवेट हार्ट केयर सेंटर में उसने इलाज कराया। कुछ ठीक महसूस होने पर वह घर लौट आया। इसी रात 12 बजे फिर उसे हार्ट अटैक आ गया। जब अल्मोड़ा हार्ट केयर सेंटर में फोन किया तो उन्होंने कहा कि हल्द्वानी ले जाओ। अब हल्द्वानी कैसे ले जाएं। सरकार के पास कोई एंबुलेंस की व्यवस्था नही। 108 कौसानी तक ही छोड़ने की बात कह रहा था। दूसरी समस्या थी गाड़ी की इजाजत लेनी थी। वह भी रात में नही मिल सकती। फिर जो प्राइवेट गाड़ी पहले उसे अल्मोड़ा ले गई थी वही चालक रिस्क में उन्हें हल्द्वानी ले गया। अब नवीन हल्द्वानी में जिदगी से जंग लड़ रहा। वह आइसीयू में है लेकिन उसके पास इलाज को पैसे नही है। पत्नी हंसा देवी घर में बेहोशी की हालत में है। उसे समझ ही नही आ रहा क्या करें।

---मदद को बढ़ाएं हाथ----

ग्रामीण उत्थान समिति की हिमानी एस सिंह ने कहा कि बीपीएल परिवार है। उनको मदद की जरूरत है। सभी लोग करें तो उनकी जान बचाई जा सकती है। --आपातकाल में किसी को भी दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। सभी एसडीएम को निर्देशित किया गया है। गांवों में काउंसिलिग भी कराई जा रही है।

रंजना, जिलाधिकारी, बागेश्वर


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