पांच बार हो चुका है रेल मार्ग का सर्वे
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले में रेल लाइन के लिए अंग्रेजी शासन काल से अब तक पांच बार सर्वे
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले में रेल लाइन के लिए अंग्रेजी शासन काल से अब तक पांच बार सर्वे हो चुका है। इसके बाद भी केंद्र सरकार ने अभी तक धनावंटन नहीं किया है जिससे रेल योजना ठप पड़ी है। तहसील परिसर में आंदोलन कर रहे संघर्ष समिति का कहना है कि उनका प्रयास रेल लाइन के लिए धनावंटन करवाना है।
मंगलवार को तहसील परिसर में बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन के लिए आंदोलन का 14वां दिन था। जिसमें वक्ताओं ने पहाड़ में रेल लाइन को बहुत आवश्यक बताया। इस मौके पर क्रमिक अनशन पर बैठे किशन लाल विश्वकर्मा ने कहा कि पलायन से लड़ने के लिए रेल बहुत सहायक होगी। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं रह जाएगी। धरना दे रहे नंदन कोहली ने कहा कि रेल लाइन के बगैर जिले का विकास अधूरा है। यातायात की बेहतरी के लिए रेल लाइन बहुत आवश्यक है। महासचिव खड़कराम आर्या ने कहा कि बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन का प्रस्ताव ब्रिटिश शासनकाल में 1882 में ही किया गया। जिसके बाद क्रमश: सन 1912, 1980, 2006, 2007 तथा 2010 में रेल लाइन का सर्वे किया जा चुका है। उन्होंने योजना में शीघ्र धनावंटन की मांग की है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष नीमा दफौटी, गो¨वद ¨सह भंडारी, डूंगर ¨सह नेगी, चंद्र ¨सह कार्की, दीपचंद्र उप्रेती, मोहन चंद्र जोशी आदि मौजूद रहे।