टीईटी के लिए पचास प्रतिशत अंकों की बाध्यता खत्म हो
संवाद सूत्र, गरुड़ : प्रशिक्षित बेरोजगारों ने प्रदेश सरकार से टीईटी में पचास प्रतिशत अंकों क
संवाद सूत्र, गरुड़ : प्रशिक्षित बेरोजगारों ने प्रदेश सरकार से टीईटी में पचास प्रतिशत अंकों की बाध्यता समाप्त करने की मांग की है। प्रशिक्षितों ने सभी प्रशिक्षित बेरोजगारों को आवेदन करने का मौका देने की मांग की है। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सभी प्रशिक्षितों को मौका नहीं मिला तो वे हाईकोर्ट की शरण लेंगे और उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
प्रशिक्षित बेरोजगारों ने कहा कि पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थिति है। यहां गाड़-गधेरों को पार कर जैसे-तैसे युवक-युवतियों ने स्नातक की उपाधि ली है। सरकार ने टीईटी में पचास प्रतिशत अंकों की बाध्यता कर उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। प्रशिक्षितों ने कहा कि उन्होंने पूर्व में स्नातक में 45 प्रतिशत के आधार पर बीएड किया है साथ ही पहले उन्होंने 45 प्रतिशत के आधार पर टीईटी परीक्षा दी है और उत्तीर्ण भी की है। ¨कतु अब सरकार ने टीईटी के लिए स्नातक में पचास प्रतिशत अंकों की बाध्यता कर दी है। उन्होंने प्रदेश के शिक्षामंत्री, विधायकों और जनप्रतिनिधियों से प्रदेश के युवाओं के हित को देखते हुए स्नातक में अंकों की बाध्यता को समाप्त करने की मांग की है। प्रशिक्षितों ने कहा है कि सरकार तत्काल शासनादेश में संशोधन कर प्रतिशत की बाध्यता समाप्त करे और सभी स्नातकों को टीईटी परीक्षा में शामिल होने का मौका दे। उन्होंने कहा कि पूर्व के अनुसार सभी प्रशिक्षितों को आवेदन करने का मौका मिलना चाहिए।प्रशिक्षितबेरोजगारों ने स्नातक में पचास प्रतिशत अंकों की बाध्यता का पुरजोर विरोध किया है। प्रशिक्षितों ने कहा कि पूर्व में हाईकोर्ट ने स्नातक में 45 प्रतिशत अंकों वाले अभ्यर्थियों को भी टीईटी परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए थे। अब सरकार हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना कर रही है। चेतावनी देते हुए प्रशिक्षितों ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वे हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करेंगे। इस अवसर पर भुवन तिवारी, कैलाश नेगी, प्रदीप कोरंगा, पंकज बिष्ट, संतोष पांडे, महेश भट्ट, नंद किशोर, अमित खोलिया, संजय कुमार, सुंदर लाल, मनोज भट्ट, पूनम पांडे, निशा जोशी, नेहा खोलिया, सुमन आर्या, हेमा जोशी, लता पांडे, जानकी कोरंगा, लीला बिष्ट, उमा परिहार आदि शामिल थे।