कर्मचारियों ने सांसद और विधायक का किया घेराव
जागरण संवाददाता बागेश्वर सीधी भर्ती में आरक्षण प्रतिशत के त्रुटिपूर्ण अनुपालन को सही करन
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : सीधी भर्ती में आरक्षण प्रतिशत के त्रुटिपूर्ण अनुपालन को सही करने और मंत्री मंडल के निर्णय लागू करने के साथ ही शासनादेश जारी कर पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था समाप्त करने की मांग तेज हो गई है। बुधवार को कर्मचारियों ने सांसद और विधायकों का घेराव किया।
उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन सनेती पहुंचा लेकिन वहां किसी कारण से मुख्यमंत्री नहीं पहुंच सके। एसोसिएशन ने सांसद अजय टम्टा और विधायक बलवंत भौर्याल, चंदन राम दास का घेराव किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य में वर्ष 2001 में अजा के पक्ष में अनंतिम रूप से 19 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया था। क्रियान्वयन के लिए जारी रोस्टर में सीधी भर्ती में प्रत्येक रोस्टर बिदु पर आरक्षण का प्रतिशत 50 से लेकर 20 तक रहा था और यह विधि-विपरीत था। 28 अगस्त 2019 को प्रथम रोस्टर बिदु परिवर्तित किया है। मंत्रीमंडल का यह निर्णय आरक्षण का उचित प्रतिशत लागू करने में अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारियों का एक संगठन उत्तर प्रदेश की तुलना करते हुए इस विधिक त्रुटि में सुधार का विरोध कर रहा है। उप्र की भांति पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था 12 नवंबर 1997 को समाप्त किया जाना चाहिए और मंत्री मंडल के निर्णय पर शासनादेश जारी करने की मांग की। इस मौके पर रवि कुमार जोशी, केसी मिश्रा, संदीप कुमार जोशी, प्रकाश चंद्र जोशी, अरविद कुमार पांडे, अनिल जोशी, कैलाश अंडोला, दामोदर जोशी, आलोक पांडे आदि मौजूद थे।