चुनाव आयोग की लापरवाही मतदाताओं पर भारी
जागरण संवाददाता बागेश्वर पहले चरण के पंचायत चुनाव में आयोग की पोल खुल गई है। चुनाव आयोग
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: पहले चरण के पंचायत चुनाव में आयोग की पोल खुल गई है। चुनाव आयोग की लापरवाही से आम मतदाताओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक परेशान बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता दिखाई दिए। उनके लिए मतदान स्थल तक पहुंचने के लिए कोई व्यवस्था नही की गई थी। प्रत्याशी ही खुद व्यवस्था करते हुए दिखाई दिए। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर आयोग सुस्त ही दिखाई दिया। मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए उनके प्रयास कुछ दिखाई ही नही दिए। मतदाता जागरूकता आदि कार्यक्रम भी नही हुए। मतदान केंद्रों के तो और भी हाल बुरे थे। रैंप आदि की तो कही व्यवस्था ही नही थी। वहां तक पहुंचने के लिए तो दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ तो जैसे-तैसे मतदान करने पहुंचे, लेकिन अधिकतर दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाता मतदान केंद्रों तक नही पहुंच पाए। प्रधान पद के प्रत्याशी कई जगहों पर मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने में जरुर सफल रहे। वह बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के सहारे बने। गांव के लोग जो अपनी छोटी संसद का चुनाव करने जा रहे है उन चुनावों के लिए आयोग की इस प्रकार की उदासीनता से आसानी से समझा जा सकता है कि वह कितने गंभीर है। ऐसे में लोकतंत्र की मजबूती पर भी सवाल खड़े होते है। कई दिक्कतों व परेशानी के बीच वैसे पहले चरण के मतदान संपन्न हो गए है। अब दो चरणों के मतदान है। दूसरे चरण का मतदान 11 व तीसरे चरण का मतदान 16 अक्टूबर को होगा। मतदान केंद्र पाटली में हुई दिक्कत बागेश्वर: पाटली पंचायत घर में मतदान केंद्र बनाया गया था। जहां पर महिला और पुरुष के लिए अलग से मतदान की कोई व्यवस्था नही की गई थी। एक दरवाजा था। जहां से महिला, पुरुष अलग-अलग लाइन बनाकर खड़े थे। वहीं से मतदाता बाहर भी आ रहे थे। कम जगह होने के कारण मतदाताओं को खासी परेशानी हुई। बुजुर्ग मतदाता तो माहौल देख बिना मतदान के वापस चले गए।
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गाड़ियां चुनाव में, यात्री परेशान
बागेश्वर: अधिकतर केएमओयू और टैक्सियां चुनाव में लगी होने के कारण यात्रियों खासी परेशानी का सामना करना पड़। यात्री केएमओयू, कांडा, पिडर टैक्सी स्टैंडों पर गाड़ियों का इंतजार करते हुए दिखाई दिए, लेकिन गाड़ियां नहीं आने से उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों को तो अपने कार्यक्रमों को रद करना पड़ा।
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आचार संहिता का हुआ उल्लंघन
बागेश्वर: मतदान केंद्रों के 100 मीटर की परिधि के अंदर किसी भी प्रत्याशी को प्रचार या प्रचार सामग्री ले जाने की अनुमति नहीं थी, लेकिन इसके बाद भी जगह-जगह आचार संहिता का उल्लंघन होता हुआ दिखाई दिया। एडीएम राहुल गोयल को इसकी जानकारी भी दी गई। उन्होंने कहा कि देखता हूं, अगर आचार संहिता का मामला होगा तो कार्रवाई की जाएगी।
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जगह-जगह शराबी दिखे मस्त
बागेश्वर: मतदान केंद्रों के आस-पास व उसके आस-पास के बाजारों में शराबी मस्त दिखे। कई तो मतदान केंद्रों के आस-पास भी दिखाई दिए। जिससे महिलाएं काफी असुरक्षित महसूस करती हुई दिखाई दी। सूत्रों की माने तो मतदान केंद्रों के आस-पास कुछ प्रभावशाली प्रत्याशियों ने सारी व्यवस्था की हुई थी। खाने-पीने आदि की। आचार संहिता का पालन करवाने वाले अधिकारी दिन भर अपनी गाड़ियों में घूमते रहे, लेकिन उनको कोई नजर में ही नहीं आया।