पुन: नियुक्ति को अतिथि शिक्षकों का कलक्ट्रेट में प्रदर्शन
राजकीय विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों ने सेवा पुन बहाल किए जाने की मांग को लेकर बागेश्वर कलक्ट्रेट में किया प्रदर्शन।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: राजकीय विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों ने सेवा पुन: बहाल किए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय पारित होने के बाद प्रदेश में पुन: नियुक्ति की प्रक्रिया गतिमान है। लेकिन जिले में अभी तक नियुक्ति नहीं हो सकी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अतिथि शिक्षकों की अनदेखी हुई तो वे आंदोलन तेज करेंगे।
अतिथि शिक्षकों ने जिलाधिकारी विनीत कुमार को प्रदर्शन के बाद ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि 2015 से मार्च 2018 तक राजकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की सेवा पुन: बहाल नहीं हो सकी है। दो माह पहले शिक्षा विभाग ने आवेदन मांगे थे लेकिन अभी तक काउंसिलिग नहीं हो सकी है। जिस कारण से नियुक्ति में भी विलंब हो रहा है। उन्होंने कहा कि 2 नवंबर 2020 से उत्तराखंड के विद्यालय खुल गए हैं। कोविड-19 के कारा विद्याíथयों का पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है। यदि विद्यालय खुलने पर भी उन्हें विद्यालय में शिक्षक विहीन प्राप्त होंगे तो यह न्यायोचित नहीं होगा। बागेश्वर जिले में शिक्षकों की कमी है। जिसे अतिथि शिक्षकों की पुन: नियुक्ति कर पूरा किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों का भविष्य भी दाव पर है। तीन साल तक उन्होंने लगातार सेवाएं दी हैं। गत तीन नवंबर को भी उन्होंने ज्ञापन दिया था और भरोसा भी मिला। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि यदि उके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की गई तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। इस मौके पर कन्हैया वर्मा, रंजीत कुमार, राजेंद्र रौतेला, कमला गढ़यिा, किशन नेगी, विमला धपोला, पूनम खाती आदि मौजूद थे।