दिव्यांग प्रमाण-पत्र को लगा शिविर धरना में बदला
दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दूर-दूर से दिव्यांगों को जिला मुख्यालय बुला लिया। ख्
जासं, बागेश्वर: दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दूर-दूर से दिव्यांगों को जिला मुख्यालय बुला लिया। लेकिन उनकी जांच के लिए ऑर्थो को छोड़कर दूसरा कोई स्पेशलिस्ट नहीं पहुंच सका। जिसकी भनक कांग्रेसियों को लग गई और उन्होंने दिव्यांग और उनके परिजनों के साथ धरना दिया।
सोमवार को जिला अस्पताल में दिव्यांग प्रमाण-पत्र शिविर का आयोजन किया गया था। इस शिविर में दूर-दूर से दिव्यांग अपने-अपने प्रमाण-पत्र बनाने के लिए पहुंचे थे। यहां पहुंचकर उन्हें ऑर्थो विशेषज्ञ के अलावा दूसरा कोई विशेषज्ञ नहीं मिला। शिविर में गांवों से पहुंचे दिव्यांगों को अंग्रेजी में छपा फार्म थमा दिया गया। जिसे भरकर वापस जमा करना था। अंग्रेजी में छपे फार्म को दिव्यांग और उनके परिजन नहीं भर सके। यह मामला कांग्रेस के नेताओं तक पहुंचा और आनन-फानन में पूर्व विधायक ललित फस्र्वाण और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी कार्यकर्ताओं के साथ जिला अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने वहां धरना शुरू कर दिया। तहसीलदार नवाजिश खलीक और सीएमएस डॉ. एलएस टोलिया भी मौके पर पहुंच गए। कांग्रेसियों ने सीएमओ और डिप्टी सीएमओ को मौके पर बुलाने की मांग की। दिव्यांगों को सरकारी व्यय पर घर छोड़ने की मांग पर अड़े रहे। इस मौके पर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कवि जोशी, पंकज परिहार, राजेंद्र टंगड़िया, अंकुर उपाध्याय, उमेश गढि़या, सुरेश खेतवाल, घनश्याम उप्रेती, गोकुल परिहार आदि मौजूद थे। इधर, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीडी जोशी ने धरने पर बैठे लोगों को वस्तुस्थिति बताई और धरना समाप्त किया।
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दिव्यांगों ने उठाए सवाल
जिला अस्पताल में आयोजित दिव्यांग शिविर में आए दिव्यांगों ने व्यवस्था पर सवाल उठाए। कांडा क्षेत्र से आए लक्ष्मण सिंह ने कहा कि वह चार बार आ गए हैं। कपूरी गांव के आशू, टकनार गांव की धनुली देवी, केदार सिंह ने कहा कि उनके साथ छल हो रहा है। कोरोना के कारण वह घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। शिविर में बामुश्किल पहुंचे हैं और यहां डॉक्टर नहीं हैं।
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उमड़ी भीड़, नियम तार-तार
कोरोना महामारी को लेकर बने नियम सोमवार को जिला अस्पताल में तार-तार हो गए। दिव्यांग शिविर में आए विकलांगों के अलावा उनके साथ बड़ी संख्या में उनके परिजन भी पहुंच गए। जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। :::::वर्जन-
आंख के सर्जन अवकाश पर हैं। अल्मोड़ा से बुलाए गए थे। वह भी अवकाश पर चल रहे हैं। ईएनटी डॉक्टर जिला अस्पताल में नहीं हैं। सोमवार को 45 दिव्यांगों के प्रमाणपत्र बनाए गए हैं। धरने पर बैठे कांग्रेसियों को वस्तुस्थिति बताई गई और सीएमओ के आने के बाद धरना समाप्त हो गया है।
-डॉ. एलएस टोलिया, चिकित्साधिकारी, जिला अस्पताल बागेश्वर