सरयू नदी को अपवित्र कर रहा गंदा पानी
जागरण संवाददाता बागेश्वर नगर में बहने वाली निरामया सरयू कई स्थानों से अपवित्र कर दी जाती ह
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: नगर में बहने वाली निरामया सरयू कई स्थानों से अपवित्र कर दी जाती है। घरों से निकलने वाला गंदा पानी और सीवर भी रिसते हुए सीधे नदी तक पहुंच जाते हैं। जिससे घाटों में स्थान और गंगाजल आदि लेने वालों को गंदगी से दो-चार होना पड़ रहा है। सरयू के संवर्धन और संरक्षण के लिए अहम कदम नहीं उठने पर लोगों में पालिका के खिलाफ आक्रोश पनपने लगा है।
सरमूल से होकर सरयू मीलों का सफर तय कर यहां पहुंची है। कपकोट में हाइड्रो पावर कंपनियों ने सरयू के बेग को टनलों में कैद कर दिया है। जिससे आधी पवित्रता कपकोट में भी खत्म हो जाती है। वहां से बचा जल आगे की तरफ बढ़ता है और शहरीकरण की अंधी दौड़ से शहर की जनसंख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पांच हजार जनसंख्या का शहर अब करीब तीस हजार का आंकड़ा पार कर चुका है। जिला मुख्यालय बनने के बाद गांवों से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि के लिए लोग पलायन कर यहां आ गए हैं। विनियमित क्षेत्र घोषित होने के बावजूद भी भवन निर्माण का दौंर शुरू हुआ और अब प्राधिकरण के नियम में ताक पर हैं। सरयू नदी में इसबीच नाली का गंदा पानी दीवारों से रिस कर घाट तक पहुंच रहा है। जिससे सरयू पूरी तरह अपवित्र हो गई है। मालूम हो कुछ समय पूर्व सरयू मे सीवर की खबर भी दैनिक जागरण ने प्रकाशित की थी और पालिका ने तब ऐसे घरों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की। लेकिन वर्तमान में चुप्पी साध ली है जिससे स्वच्छ भारत की परिकल्पना को यहां धक्का पहुंचा है। नागरिक मंच के अध्यक्ष पंकज पांडे, आलोक साह गंगोला, रमेश पांडे, एनबी भट्ट, राज्य आंदोलनकारी हीरा बल्लभ भट्ट आदि ने कहा कि यदि सरयू में सीवर और गंदा पानी गया तो अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा। इधर, ईओ राजदेव जायसी ने कहा कि सरयू में सीवर का पानी नहीं जा रहा है यदि नाली रिस रही है तो उसकी मरम्मत की जाएगी।