दहशत में कट रहे ग्रामीणों के दिन
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : द्यांगण गांव के ग्रामीणों के दिन-रात दहशत में कट रहे हैं। गां
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : द्यांगण गांव के ग्रामीणों के दिन-रात दहशत में कट रहे हैं। गांव के एक मासूम को गुलदार ने निवाला बना लिया था। ठीक चार दिन बाद गुलदार के भय से दूसरे मासूम की मौत हो गई है। घटना के बाद ग्रामीणों में भारी रोष है। उन्होंने गुलदार को मार गिराने की मांग की है ऐसा नहीं होने पर सड़क पर उतरने का एलान कर दिया है।
शुक्रवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे ग्रामीणों ने गुलदार को गांव की तरफ आते हुए देखा और वहां भगदड़ मच गई। ननिहाल में रह रहा हेमंत टंगड़िया भी भाग रहा था, लेकिन वह गिर गया। जिससे उसे अंदुरुनी चोट लग गई और उसे अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। ठीक चार दिन पहले गांव के करन ¨सह को भी शाम को इसी समय के बीच गुलदार ने मार दिया था। ग्रामीण डरे और सहमे हुए हैं और उनकी दिनचर्या भी इसबीच गुलदार के भय में व्यतीत हो रही है। गांव के किसन कठायत, दर्शन कठायत, कैलाश कठायत, आदर्श कठायत आदि ने कहा कि वन विभाग ने सिर्फ दो ¨पजरे लगाए हैं। लेकिन गुलदार अभी तक ¨पजरे में कैद नहीं हो सका है। चार दिन बीत जाने के बावजूद भी गुलदार को आमदखोर घोषित नहीं किया गया है। गांव के लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। महिलाएं जंगल जाने से कतरा रहीं हैं। बच्चे और बुजुर्ग दहशत में हैं। उन्होंने कहा कि यदि गुलदार को जल्द नहीं मारा गया तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन शुरू करेंगे।
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गांव में चर्चाएं
द्यांगण गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। ग्रामीण कैलाश कठायत ने कहा कि देवी मंदिरों में पहले से बलि होती थी, लेकिन अब नहीं हो रही है। गुलदार का ऐसा आतंक पहले कभी नहीं था, वह मवेशियों को जरूर मारता था। लोग इस तरह की घटनाओं को दैवीय प्रकोप से भी जोड़ रहे हैं।
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घटना की जांच की जा रही है। वन विभाग की टीम गांव में मुस्तैद है। गुलदार को आदमखोर घोषित करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। दो ¨पजड़े भी लगाए गए हैं।
-आरके ¨सह, डीएफओ, बागेश्वर