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मटेना में कालिका मंदिर के पास लगाए पिजड़े

गरुड़ में तहसील के मटेना गांव में वन विभाग ने पिजड़े शिफ्ट कर कालिका मंदिर के पास लगाए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 04:18 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 04:18 PM (IST)
मटेना में कालिका मंदिर के पास लगाए पिजड़े
मटेना में कालिका मंदिर के पास लगाए पिजड़े

संवाद सूत्र, गरुड़: तहसील के मटेना गांव में वन विभाग ने पिजड़े शिफ्ट कर कालिका मंदिर के पास लगा दिए हैं।ग्रामीणों ने मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम से बंदरों के उत्पात से निजात दिलाए जाने की मांग की।

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सोमवार को दैनिक जागरण ने 'मटेना में लगे पिजड़े बने शोपीस'शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। खबर पढ़ते ही वन विभाग हरकत में आया। रेंजर सुरेंद्र सिंह ने खबर को गंभीरता से लिया और वन विभाग की एक टीम गांव भेजी। टीम ने ग्रामीणों की मांग पर भंडारीधार के नीचे स्थित कालिका मंदिर के पास पिजड़े शिफ्ट कर दिए हैं।मटेना, भंडारीधार के ग्रामीण लंबे समय से बंदरों के आतंक से परेशान हैं।बंदरों ने इतना आतंक मचाया है कि लोगों ने अब सब्जी लगानी छोड़ दी है। बंदरों ने काश्तकारों की फसल भी उजाड़ दी है। लोग अब बाजार पर निर्भर रहने लगे हैं।बंदरों ने हमला कर कई लोगों को घायल भी कर दिया है। रास्तों में बंदरों का झुंड बैठा रहता है। जिससे ग्रामीणों का बाजार जाना मुश्किल हो गया है।ग्रामीणों ने बंदरों को पकड़कर उनका बधियाकरण करने की मांग की है।

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विधायक जी कब तक बनेगा बंदरबाड़ा

क्षेत्रीय विधायक चंदन राम दास ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बंदरों से निजात दिलाने व बंदरबाड़े बनाने का वायदा किया था। लेकिन लगातार तीन बार विधायक बनने के बाद भी आज तक वे बंदरबाड़ा नहीं बना सके। उच्च न्यायालय के अधिवक्ता डीके जोशी, मटेना के ग्राम प्रधान रविशंकर बिष्ट, पाये की ग्राम प्रधान उमा भट्ट, भेटा के प्रधान कृपाल दत्त लोहुमी, जिनखोला की प्रधान मंजू बोरा आदि ने विधायक से पूछा है कि आखिर बंदरबाड़ा कब तक बनेगा।


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