बैजनाथ उत्तरायणी मेले में बही काव्य की रसधार
संवाद सूत्र, गरुड़ : पहली बार बैजनाथ में आयोजित उत्तरायणी मेले में काव्य की रसधार बही। कवि
संवाद सूत्र, गरुड़ : पहली बार बैजनाथ में आयोजित उत्तरायणी मेले में काव्य की रसधार बही। कविताएं सुनने लोग अपने स्थान पर जमे रहे। कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाकर लोगों को भाव- विभोर कर दिया।
काव्य सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कवि और शिक्षक जीवन दोसाद ने मां शारदा की वंदना इस प्रकार की- Þ जय मां शारदे यश ज्ञान दे, हम बणजू त्यार भगता वरदान दे Þ युवा रचनाकार मनोज खोलिया ने पुरातन संस्कृति के ह्रास पर अपनी कविता में कहा - Þ पाथरौक मकान धुरिक बांस पूसक म्हैंण जाड़, सबै हराण फेगो आहा रे कौस जमान एगो Þ वरिष्ठ कवि मोहन जोशी ने सभी को उत्तरायणी पर्व की बधाई देते हुए कहा - Þ जी रया सब भाई बंदों, जी रया सब बैणी, एगेछ उत्तरैणी एगेछ उत्तरैणी Þ संचालन सीएस बड़सीला ने किया। इस दौरान मेला समिति के अध्यक्ष नवीन ममगाई, उपाध्यक्ष प्रेम ¨सह नेगी, महासचिव दयाल गिरी गोस्वामी, दीवान आर्या, प्रकाश आर्या, बीएन टम्टा, आशा टम्टा, गोपाल ¨सह नेगी, शिव ¨सह नेगी, गौरीशंकर, विनय लोहनी, पवन नेगी, विनोद नेगी आदि मौजूद थे।