भाजपा ने भेदा कांग्रेस का चक्रव्यूह
घनश्याम जोशी बागेश्वर जिला पंचायत बनने के बाद भाजपा ने अपना किला बरकरार रखा लेकिन 2014 म
घनश्याम जोशी, बागेश्वर: जिला पंचायत बनने के बाद भाजपा ने अपना किला बरकरार रखा, लेकिन 2014 में कांग्रेस ने भाजपा को पटकनी दी, लेकिन 2019 में फिर भाजपा ने कांग्रेस का चक्रव्यूह भेदने में कामयाबी हासिल की है। भाजपा प्रत्याशी एक मत से जीत हासिल कर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज हुए। राजनीति जानकारों के अनुसार जिपं चुनाव में विधायकों और भाजपा संगठन की अहम भूमिका रही। जिला पंचायत 1997 में बनी और वर्ष 2000 में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ। कपकोट के विधायक बलवंत भौर्याल पहले जिला पंचायत अध्यक्ष बने। दूसरे चुनाव में भाजपा की दीपा आर्या और तीसरे चुनाव में भाजपा के राम सिंह कोरंगा और विक्रम शाही बारी-बारी ढ़ाई-ढ़ाई साल का कार्यकाल किया। 2014 में कांग्रेस ने भाजपा के किले ढहा दिया और कांग्रेस के हरीश ऐठानी अध्यक्ष बने। 2019 में भाजपा-कांग्रेस के बीच पुन: सीधी टक्कर हुई। भाजपा के दिग्गज विधायक और संगठन ने कांग्रेस के चक्रव्यूह को भेद दिया। भाजपा के विधायक बलवंत भौर्याल, चंदन राम दास समेत पूरी टीम चुनाव जीतकर आए भाजपा समर्पित सदस्यों के सीधे संपर्क में रही और गत दिनों एक फोटो वायरल हुई। जिसमें दस सदस्यों को मुख्यमंत्री से मुलाकात भी कराई गई। उसके बाद स्पष्ट हो गया कि भाजपा का ही अध्यक्ष बनेगा, लेकिन कांग्रेस और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने भी अपना गणित बैठाया और वे भी सदस्यों से संपर्क साधने लगे। उनकी पत्नी वंदना ऐठानी को कांग्रेस ने जिपं का उम्मीदवार बनाया और मुकाबला काफी रोचक बन गया। लेकिन एक वोट से कांग्रेस को हार स्वीकार करनी पड़ी।
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विधायकों की निगरानी में रहे सदस्य
भाजपा की राजनीतिक बिसात को तोड़ने में कांग्रेस पूरी तरह विफल दिखी। दस जिला पंचायत सदस्य विधायकों की निगरानी में रहे और गुरुवार की सुबह उन्हें विधायकों ने ही फूल-मालाओं और पीले रंग का टीका लगाकर वोटिग के लिए रवाना किया। यह फोटो भी सुबह ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। जिला पंचायत अध्यक्ष कौन बनेगा का कयास लगा रहे लोगों ने मान लिया कि भाजपा का ही अध्यक्ष बनेगा।
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भाजपा संगठन की मेहनत, केंद्र और राज्य सरकारों के कामकाज के बाद सदस्यों का यह निर्णय बेहतर है। जिला पंचायत के विकास की नई इबारत लिखी जाएगी और भ्रष्टाचार मुक्त कामकाज होगा। निश्चित तौर पर यह संगठन की जीत है। -शेर सिंह गढि़या, जिलाध्यक्ष, भाजपा।
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अध्यक्ष पद पर भी सीधी टक्कर हुई है। सदस्यों की समझ और सरकार की हनक के कारण भाजपा जीती है। जनता की समस्याओं के लिए कांग्रेस संघर्ष करेगी। -लोकमणि पाठक, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस।