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रेल हादसे में जवान का निधन, सरयू में अंत्येष्टि

जागरण संवाददाता बागेश्वर सेना की बंगाल इंजीनियरिग कोर में तैनात कपकोट के जवान का पुणे

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Mar 2019 11:20 PM (IST)Updated: Sun, 03 Mar 2019 11:20 PM (IST)
रेल हादसे में जवान का निधन, सरयू में अंत्येष्टि
रेल हादसे में जवान का निधन, सरयू में अंत्येष्टि

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: सेना की बंगाल इंजीनियरिग कोर में तैनात कपकोट के जवान का पुणे में रेल हादसे में निधन हो गया। रविवार को उनका पार्थिव शरीर सेना के वाहन से यहां पहुंचा। परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद उनका सरयू तट पर अंतिम संस्कार किया गया। कौसानी सिग्नल कोर के जवानों ने उन्हें अंतिम सलामी दी और तहसील प्रशासन और पुलिस जवानों ने पुष्प चक्र अíपत किए। इस दुखद घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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कपकोट के बैड़ा-मझेड़ा गांव निवासी नीरज कुमार (32) पुत्र भूपाल दत्त क बंगाल इंजीनियरिग कोर में पुणे में तैनात थे। वह वहां कालेज आफ मिलिट्री इंजीनियरिग कालेज में प्रशिक्षण ले रहे थे। बताया जा रहा एक मार्च को वह ड्यूटी के लिए रेल से सफल कर रहे थे और रेलवे स्टेशन पर उतरते समय हादसे काशिकार हो गए। रविवार को उनका पाíथव शरीर कपकोट पहुंचा और बाद में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी सरयू तट पर अंत्येष्टि हुई।

नीरज पत्नी, बेटी, माता-पिता और भाई-बहन को रोता बिलखता छोड़ गए हैं। अंत्येष्टि के मौके पर सहायक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी आरसी तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, पूर्व विधायक ललित फस्र्वाण, तहसीलदार मेनपाल सिंह, सैनिक संगठन के अध्यक्ष गोपाल दत्त जोशी, सिग्नल कोर कौसानी से सूबेदार ए तिरुपति समेत कई जवान मौजूद थे।

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::: पैकेज

जवान के निधन पर शोक में डूबा बैड़ा-मझेड़ा

-एक साल की बेटी और पत्नी को रोता-बिलखता छोड़ गए नीरज

-माता-पिता ने खोया घर का लाडला, रो-रोकर बुरा हाल

फोटो-3 बीएजीपी- 21, 22 संवाद सूत्र, कपकोट: बंगाल इंजीनियरिग कोर के जवान नीरज कुमार के रेल हादसे में निधन होने पर बैड़ा-बझेड़ा गांव शोक में डूब गया है। नीरज एक साल की बेटी व पत्नी को रोता-बिलखता छोड़ गए हैं। वहीं, माता-पिता ने भी लाड़ला खो दिया है और उनका भी रो-रोकर बुरा हाल है।

बैड़ा-मझेड़ा गांव के नीरज ने पीजी कॉलेज बागेश्वर से बीएससी की पढ़ाई की। इसी दौरान 2008 में वह बंगाल इंजीनियरिग रुड़की में भर्ती हो गए। बताया जा रहा इन दिनों वह कॉलेज आफ मिलिट्री इंजीनिरिग पुणे में प्रशिक्षण ले रहे थे। उन्हें बेहतर काम के लिए सेना ने विशिष्ट सेवा मेडल भी प्रदान किया था। नीरज के एकाएक चले जाने से उनका परिवार पूरी तरह टूट गया है। जवान अपने पीछे एक साल की बेटी अनुष्का, पत्नी पूजा देवी, मां भगवती देवी, छोटा भाई गोकुल कर्नाटक, बहन बीना को रोता-बिलखता छोड़ गए हैं। उनके निधन पर कपकोट घाटी में शोक की लहर दौड़ गई है।

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पिता भी पूर्व फौजी

नीरज के पिता भूपाल दत्त कर्नाटक भी सेना से सेवानिवृत्त हैं। उनके परिवार का एकमात्र कमाऊ बेटा चला गया जिससे वह गम में डूबे हैं। बेटे के एकाएक चले जाने से वे गुमशुम हैं।


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