धरने पर बैठी कार्यकर्ता बेहोश, अफरातफरी
पिछले 19 दिन से 18 हजार रुपये मानदेय देने की मांग पर तहसील परिसर में धरने के दौरान एक कार्यकर्ता बेहोश गई।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : पिछले 19 दिन से 18 हजार रुपये मानदेय देने की मांग पर तहसील परिसर में धरने पर बैठी आंगनबाड़ी की एक कार्यकर्ता बेहोश हो गई। उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं, आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले लटक गए हैं, जिससे छोटे बच्चों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
न्यूनतम मानदेय की मांग को लेकर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का धरना और कार्य बहिष्कार शनिवार को भी जारी रहा। धरने पर बैठी कार्यकर्ता पूजा टंगड़िया खड़े होकर नारेबाजी कर रही थी और उसे एकाएक चक्कर आया और वह गिर गई। वहां अफरातफरी मच गई और कार्यकर्ताओं ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका उपचार चल रहा है। इधर, आंदोलनकारी कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर कतई संवेदनशील नहीं है। अब कार्यकर्ता बेहोश भी होने लगी हैं और एक पखवाड़े से आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लटके हैं। इस कारण गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पुष्टाहार नहीं मिल पा रहा है। कहा वे एक पखवाड़े से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, इसके बाद भी सरकार की कुंभकर्णी नींद नहीं खुल रही है। सरकार उनके कार्यों में लगातार बढ़ोतरी कर रही है, लेकिन मानदेय बढ़ाने में आनाकानी कर रही है, जबकि वह अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं। कहा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों की पढ़ाई के अलावा पल्स पोलियो, पुष्टाहार वितरण आदि की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी गई है। निर्वाचन नामावली में मतदाताओं के नाम सूची में जोड़ना सहित कई काम कर रही हैं, इस सबके बाद भी उनकी उपेक्षा हो रही है। जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इससे पूर्व सभा की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष लीला आर्या ने किया। यहां मरियम डेविड, रीना गुरुरानी, जया जोशी, मुन्नी आर्या, मुन्नी पांडे, नीमा गोस्वामी, रीता साह, सरिता टम्टा, नीमा खेतवाल, खष्टी जोशी, हेमा देवी, ब्लॉक अध्यक्ष गीता पांडे, मंजू वर्मा आदि रहे। इसके अलावा कपकोट, ब्लॉक, कांडा तथा दुग-नाकुरी तहसील में भी वे डटी रहीं।