2800 विद्यालय बंद करने का फैसला हो वापस
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : उत्तराखंड कैबिनेट के विद्यालय बंद करने के फैसले पर बीएड प्रशि
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : उत्तराखंड कैबिनेट के विद्यालय बंद करने के फैसले पर बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। उन्होनें कैबिनेट से शीघ्र इस फैसले को वापस लेने को कहा है। जिला मुख्यालय स्थित बागनाथ मंदिर में बीएड-टीइटी प्रथम प्रशिक्षित बेरोजगारों की बैठक आयोजित हुई। जिसमें वक्ताओं ने बीते 27 अगस्त की कैबिनेट में ढाई हजार प्राथमिक विद्यालय व 300 उच्च प्राथमिक विद्यालय बंद करने के निर्णय को गलत करार दिया। इस मौके पर बोलते हुए संयोजक गिरीश चंद्र आर्या ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश की भौगिलिक परिस्थिति विषम है। जहां सड़क, विद्युत व स्वास्थ्य सुविधा से वंचित तबके किसी तरह प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसके बाद भी कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद किया जा रहा है। जो कि पूरी शिक्षा व्यवस्था के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि एनसीटीई ने बीएड प्रशिक्षितों को प्राथमिक शिक्षा के लिए योग्य मान लिया है। जिसके बाद प्रशिक्षित रोजगार की उम्मीद में थे। लेकिन शासन के निर्णय ने बेरोजगारों को मायूस किया है। दीप प्रकाश आर्या ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के निर्णय के बाद भी बैकलॉग के 541 पद नहीं भरे गए। जिसके बाद सभी बेरोजगार प्रशिक्षितों ने आगामी छह सितंबर को शिक्षा निदेशालय, नूनरखेड़ा देहरादून में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। इस मौके पर आनंद प्रसाद, गणेश आर्या, पदम राज, पुष्कर मेहरा, दीप प्रकाश, महेश कांडपाल समेत कई लोग मौजूद रहे।