22 घंटे बाद उठाया मासूम बच्ची का शव
संवाद सूत्र, गरुड़ : तहसील के सलखन्यारी में गुलदार के हमले में मारी गई मासूम बेटी का शव घ
संवाद सूत्र, गरुड़ : तहसील के सलखन्यारी में गुलदार के हमले में मारी गई मासूम बेटी का शव घटना के 22 घंटे बाद उठाया गया। इससे पूर्व ग्रामीण गुलदार को आदमखोर घोषित करने की मांग पर अड़ गए। मौके पर पहुचे डीएफओ आर के ¨सह ने ग्रामीणों को शासन को भेजा गया अनुमति पत्र दिखाया और चार दिन का समय मांगा। उसके बाद ही ग्रामीणों ने बमुश्किल शव को उठाने दिया।
सोमवार की देर रात्रि घर से एक किमी दूर गधेरे में जोति का शव मिलने के बाद भी ग्रामीणों ने शव को घर लाने से मना कर दिया। ग्रामीण गुलदार को आदमखोर घोषित करने की मांग पर अड़ गए। डीएफओ आरके ¨सह ने तब ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि मंगलवार तक गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया जाएगा। मंगलवार को भी गुलदार के आदमखोर घोषित न होने पर ग्रामीणों का गुस्सा सातवें पर पहुच गया। मंगलवार की सांय तक ग्रामीणों ने शव को नहीं उठाने दिया। सांय विधायक चंदन राम दास, जिला पंचायत सदस्य शिव ¨सह बिष्ट, जिलाधिकारी रंजना राजगुरु, डीएफओ आरके ¨सह, एसडीएम सुंदर ¨सह मृतक के घर गए पहुचे और उन्होंने इस दुखद घटना पर शोक संवेदना व्यक्त की। डीएफओ आरके ¨सह ने ग्रामीणों को गुलदार को आदमखोर को घोषित करने के लिए शासन को भेजा अनुमति पत्र दिखाया और चार दिन का समय मांगा। विधायक चंदन राम दास ने भी ग्रामीणों से वार्ता की। उसके बाद ग्रामीण मान गए और बमुश्किल शव को उठाया गया।
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फूट-फूट कर रो पड़ी डीएम
गरुड़: एक महिला का दर्द महिला ही समझ सकती है। जब सलखन्यारी गांव में डीएम रंजना राजगुरु पहुची तो परिजनों का विलाप और च्योति का शव देखकर डीएम फूट-फुट कर रो पड़ी। मासूम च्योति के असमय मौत पर विभिन्न संगठनों ने शोक जताया है।
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वन विभाग ने दिया तीन लाख का मुआवजा
वन विभाग ने मृतक च्योति के परिजनों को तीन लाख की मुआवजा राशि प्रदान कर दी है। डीएफओ आरके ¨सह, रेंजर आरएस रमोला ने परिजनों को ढाई लाख का चैक और 50 हजार नकद की मुआवजा राशि प्रदान की।
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वन विभाग के लगाए दो ¨पजड़ें
वन विभाग ने सलखन्यारी गांव में दो ¨पजड़ें लगा दिए हैं। रेंजर आरएस रमोला ने बताया कि वन विभाग की टीम रात्रि में भी गांव में सर्च करेगी।
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गुलदार को आदमखोर घोषित करने के लिए शासन को अनुमति पत्र भेजा गया है। आदमखोर घोषित करते ही शिकारी को बुलाकर गुलदार को ढेर कर दिया जाएगा। फिलहाल ग्रामीण सावधानी बरतें। बच्चों को रात्रि में अकेले न भेजें।
-आरके ¨सह, डीएफओ, बागेश्वर