बीते 17 साल, पूरी नहीं हुई पेट्रोल पंप की आस
जागरण संवाददाता बागेश्वर कारगिल शहीद केदार सिंह देवली की पत्नी पेट्रोल पंप के लिए पिछले
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : कारगिल शहीद केदार सिंह देवली की पत्नी पेट्रोल पंप के लिए पिछले 17 साल से चप्पलें घिस रही हैं। कार्यालयों के चक्कर लगाना उनकी नियति बन गई है। अब वह थक हार गईं हैं और अदालत का दरवाजा खटखटाने जा रही हैं।
कपकोट तहसील के पेठी गांव निवासी शहीद केदार सिंह देवली 1999 में कारगिल में शहीद हो गए। वे अपने पीछे चार बच्चों और पत्नी का भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। सरकार ने कारगिल शहीद को पेट्रोल पंप आवंटित करने की घोषणा की और 2002 में पेट्रोल पंप स्वीकृत हुआ, लेकिन 17 साल बाद भी शहीद के परिवार को पेट्रोल पंप नहीं मिल सका है। उनकी पत्नी चंपा देवली बताती हैं कि 26 जुलाई को कारगिल दिवस आयोजित हो रहा है, लेकिन कारगिल शहीदों की समस्याओं का हल अभी तक नहीं हो सका है। कहा कि दो बार हिदूस्तान पेट्रोलियम कार्यालय देहरादून पहुंच गई है। सांसद से भी आश्वासन मिला था। 25 नवंबर 2018 को पेट्रोल पंप के लिए आवेदन भी किया गया। दिल्ली तक भी हो आई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। पति के शहीद होने के बाद परिवार का पूरा भार उनके सिर पर आ गया। उनका सबसे बड़ा बेटा भास्कर सेना में हवलदार के पद पर तैनात है। जबकि बेटी तनुजा, आरती और सबसे छोटा बेटा योगेश पढ़ाई कर रहे हैं। कहा कि अब वह थक हारकर अदालत की शरण में जाएंगी।
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कपकोट में पेट्रोल पंप नहीं
कपकोट तहसील में अभी तक एक अदद पेट्रोल पंप नहीं है। यहां के लिए कारगिल शहीद की पत्नी ने आवेदन किया है, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता हासिल नहीं हो सकी है। तहसील में पेट्रोल पंप नहीं होने से ईधन की आपूíत जिला मुख्यालय से हो रही है।
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कारगिल शहीदों के परिजनों की समस्याओं का हर संभव निराकरण किया जा रहा है। शहीदों के परिजनों की समस्या शासन तक भेजी जाएगी और जल्द समाधान होगा।
-रंजना राजगुरु, डीएम, बागेश्वर