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आपदा के दौरान भारी बारिश से 15 करोड़ की क्षति

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : आयुक्त कुमाऊं मंडल राजीव रौतेला ने वीसी के माध्यम से आपदा के का

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 05:34 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 05:34 PM (IST)
आपदा के दौरान भारी बारिश से 15 करोड़ की क्षति
आपदा के दौरान भारी बारिश से 15 करोड़ की क्षति

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : आयुक्त कुमाऊं मंडल राजीव रौतेला ने वीसी के माध्यम से आपदा के कारण कुमाऊं मंडल के जनपदों में हुई क्षति की समीक्षा की। जिसमें उन्होने जनपदवार मानव हानि, पशु हानि, सरकारी संपतियों, अवरुद्ध सड़के, पेयजल लाइन, विद्युत लाइन आदि की समीक्षा की। जिले की समीक्षा करते हुए आयुक्त कुमाऊं मंडल को जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने बताया कि जनपद में आपदा के कारण पूर्ण क्षतिग्रस्त 20, तीक्ष्ण क्षतिग्रस्त 63 और आंशिक क्षतिग्रस्त 86 भवन है। जिसमें अधिकतर को मुआवजा वितरित कर दिया गया है। बाकि लोगो को वितरित करने की कार्रवाई गतिमान है। 23 लोगो को अहेतुक सहायता प्रदान की गयी है। उन्होने बताया कि पशुहानि में 24 पशुओं की क्षति हुई है। जिसमें 11 बड़ें पशु एवं 13 छोटे पशुओं की क्षति हुई है। जिसमें समयानुसार सभी को मुआवजा दिया जा चुका है। मानव क्षति में मृतकों की संख्या दो है। जिसमें दोनों के परिवारों को मुआवजा दिया जा चुका है और दो व्यक्ति संदिग्ध है जिनकी मजिस्ट्रीयल जांच चल रही है। जांच के उपरांत मुआवजा दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न विभागों की सरकारी संपत्तियों को लगभग 15 करोड़ की क्षति हुई है।

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वीसी में पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी एसएसएस पांगती, एडीएम राहुल गोयल, डीएफओ आरके ¨सह, सीएमओ डॉ. जेसी मंडल, उप जिलाधिकारी बागेश्वर राकेश चन्द्र तिवारी, कपकोट रविन्द्र ¨सह, गरुड़ सुन्दर ¨सह, पूíत अधिकारी अरुण कुमार वर्मा, आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल सहित सभी विभागीय अधिकारी मौजूद थें।

ग्रामीण बजाएं ढोल नगाड़े

मंडल आयुक्त ने विगत दिनों जनपद बागेश्वर के विकास खण्ड गरुड़ में तेंदुए द्वारा चार साल की बच्ची को निवाला बनाए जाने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देश दिए कि संवेदनशील स्थानों पर वन विभाग द्वारा शाम के समय में गश्त करें और विद्युत विभाग ग्रामीण क्षेत्रो में प्रकाश की उचित व्यवस्था करें। ग्रामीणों को शाम के समय जंगली जानवरो से बचने के लिए पारम्परिक वाद्य यंत्र ढोल, नगाड़े बजाने के लिए प्रेरित करे ताकि ऐसी अप्रिय घटना न हो सकें।


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