14 वर्षों से बिना रजिस्ट्रार के चल रही है गरुड़ तहसील
संवाद सूत्र, गरुड़: तहसील 14 वर्षों से बिना रजिस्ट्रार जे चल रही है । जिससे लोगों को जमीन संबंध
संवाद सूत्र, गरुड़: तहसील 14 वर्षों से बिना रजिस्ट्रार जे चल रही है । जिससे लोगों को जमीन संबंधी और अन्य कार्यों के लिए 25 किमी दूर बागेश्वर जाना पड़ रहा है। रजिस्ट्रार न होने से गरुड़ तहसील की आय पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
तहसील की स्थापना वर्ष 2004 में हुई थी। तब से लेकर आज तक तहसील में रजिस्ट्रार की नियुक्ति नहीं हो पाई है। एक लाख से ऊपर की आबादी वाली गरुड़ तहसील में रजिस्ट्रार न होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को जमीन के क्रय-विक्रय, विवाह प्रमाण पत्र और अन्य कार्यों के लिए आज भी 25 किमी दूर बागेश्वर जाना पड़ता है। जिससे लोगों के समय और धन की काफी बर्बादी होती है। इससे गरुड़ तहसील की और इससे जुड़े अधिवक्ताओं और याचिका लेखकों की आय पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। वर्ष 2016 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गरुड़ तहसील में रजिस्ट्रार का पद स्वीकृत किया था। लेकिन तब से लेकर आज तक रजिस्ट्रार की नियुक्ति से संबंधी फाइल शासन में धूल फांक रही है। ============== बार एसोसिएशन ने की रजिस्ट्रार की नियुक्ति की मांग
गरुड़: तहसील बार एसोसिएशन ने गरुड़ तहसील में शीघ्र रजिस्ट्रार की नियुक्ति करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा है। तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट हरीश जोशी, पूर्व अध्यक्ष रमेश सनवाल, उपाध्यक्ष एडवोकेट उमेश पांडे, सचिव एडवोकेट चंद्रशेखर कांडपाल, भरत फर्सवाण, जगदीश आर्या, सुंदर बोरा, हरीश भट्ट, गिरीश कोरंगा, हरीश थायत, नारायण ¨सह थायत, रंजीत डसीला, संतोष तिवारी, जगदीश जोशी आदि ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि शीघ्र रजिस्ट्रार की नियुक्ति नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।