रानीखेत क्षेत्र में जल स्त्रोतों से होगी आपूर्ति तो बुझेगी प्यास
रानीखेत क्षेत्र में एक ओर गाव के गाव जल संकट से जूझ रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक स्रोतों पर पानी बर्बाद हो रहा है।
संवाद सहयोगी, रानीखेत : एक ओर गाव के गाव जल संकट से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे तथा अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर जगह-जगह प्राकृतिक जल स्त्रोतों का पानी दिनभर बर्बाद हो रहा है। लोगों ने बहते पानी को एकत्र कर गावों को आपूर्ति किए जाने की पुरजोर माग उठाई है ताकि पेयजल संकट दूर हो सके।
बेतालघाट के साथ ही आसपास के ताडी़खेत तथा रामगढ़ ब्लॉकों के गावों में जल संकट ने गंभीर रूप ले लिया है। ग्रामीण दिनभर पेयजल व्यवस्था में जुटे रहते हैं। दूरदराज के क्षेत्रों से सिर पर पानी ढोना मजबूरी बन चुका है वहीं दूसरी ओर, रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे तथा अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर जगह-जगह जल स्त्रोतों का पानी दिनभर बहकर बर्बाद हो रहा है लोग दूर-दराज से पानी लेने इन स्त्रोतों पर पहुंचते हैं। आवाजाही कर रहे यात्री भी ठंडे ठंडे पानी का लुफ्त उठाते हैं। उसके बाद भी पानी दिन भर बहकर बर्बाद होते रहता है। अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर गरमपानी मुख्य बाजार में शेर का धारा, लोहाली क्षेत्र में स्थित करीब पाच स्थानों पर प्राकृतिक जल स्त्रोत से दिन भर पानी बहता रहता है। वहीं रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर भी तल्ला व मल्ला पातली व उपराड़ी आदि क्षेत्रों में भी कई स्थानों पर प्राकृतिक जल स्त्रोतों से लगातार दिनभर पानी बहता है। लोगों ने प्राकृतिक जल स्त्रोतों से दिनभर बहते पानी को एकत्र कर आसपास के गावों में आपूर्ति किए जाने की माग की है। कहा है कि यदि दिनभर बहते पानी को टैंक बना कर एकत्र कर लिया जाए तो निश्चित रूप से तमाम गावों में पेयजल संकट दूर होगा। साथ ही लोगों को भी राहत मिलेगी। प्राकृतिक जल स्त्रोतों से लगातार बहते पानी को एकत्र कर गावों में पेयजल आपूर्ति किए जाने की क्षेत्रवासियों ने पुरजोर माग की है।