मिशन किल बॉक्स: भारतीय जांबाजों ने घर में छिपे आतंकियों को किया ढेर
भारत और अमेरिका के युद्ध अभ्यास के दौरान भारतीय जवानों का युद्ध कौशल देखने को मिला। ऑपरेशन किल बॉक्स के माध्यम से उन्होंने अभ्यास के दौरान घर में छिपे आतंकियों को ढेर किया।
रानीखेत, [जेएनएन]: मिशन 'माउंटेन अटैक' के सफल ऑपरेशन के बाद भारत व अमेरिका के संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास ने मकसद की ओर कदम बढ़ा लिए हैं। 'काउंटर इंसर्जेसी एंड काउंटर आतंकवाद' थीम पर ऑपरेशन 'किल बॉक्स' के माध्यम से भारतीय जांबाजों ने अभ्यास के दौरान घर में छिपे आतंकियों को ढेर किया। इसमें बगैर खुद को नुकसान पहुंचाएं सैन्य कार्रवाई कर अपनी सैन्य क्षमता एवं जमीनी जंग में शानदार कौशल का प्रदर्शन किया। इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि अतिविकसित तकनीक वाला अमेरिका जहां आतंकियों के पूरे ठिकाने को तबाह करने में विश्वास रखता है, वहीं भारतीय कमांडो ने आसपास के नागरिकों व आतंकियों के कब्जे वाले घर के परिजनों की हिफाजत को ध्यान में रख हमला बोला।
चौबटिया क्षेत्र में शुक्रवार को 'संयुक्त युद्ध अभ्यास' के पांचवें चरण में भारतीय सेना के जांबाजों ने आतंकवादियों की घुसपैठ, किसी घर में पनाह लेने के बाद घेराबंदी, परिजनों को सुरक्षित बाहर निकाल घुसपैठियों के कब्जे से उस घर को मुक्त कराने आदि विभिन्न चरणों का प्रदर्शन कर अपनी सैन्य क्षमता का परिचय दिया। अमेरिकी सैन्य विशेषज्ञों व सैनिकों ने 'मिशन किल बॉक्स' के इस डेमो को बेहद गंभीरता से देखा और भारतीय कमांडोज की युक्ति को भी समझा।
नक्सलियों के आइइडी से बचने का अभ्यास
इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइइडी) जो मौजूदा दौर में आतंकियों व नक्सलियों, दोनों से मिलने वाली सबसे बड़ी चुनौती का नाम है। नक्सली या आतंकवादी गैर कानूनी ढंग से अपने निजी स्तर पर इस आइइडी का निर्माण करते हैं। इसका मकसद कम खर्च पर अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाना होता है। नक्सलाइट एरिया में ऐसी घातक डिवाइस से तैयार बम आदि की चपेट में आकर सैनिकों को क्षति न पहुंचे, संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारतीय जांबाजों ने वन क्षेत्रों में लगाए गए ऐसे ही डिवाइस की पहचान कर उन्हें फ्यूज करने की तकनीक अमेरिकी सैनिकों से साझा की।
घने जंगल में भी चला सर्च ऑपरेशन
ऑपरेशन 'किल बॉक्स' व आइइडी मिशन के बाद भारत-अमेरिकी सैनिकों ने घने जंगल में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए फायर लाइन में पसीना बहाया। इसमें अत्याधुनिक हथियारों से दुश्मन पर सटीक निशाना लगा उसे ढेर करने का कड़ा प्रशिक्षण लिया गया। इस दौरान जंगलात की नाकेबंदी कर घुसपैठियों को चुन-चुनकर मार गिराने का अभ्यास चला।
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