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रोजगार के लिए ग्रामीणों का बेमियादी धरना

संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान (बीटीकेआइटी) के लिए जमीन दे

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 04:21 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 04:21 PM (IST)
रोजगार के लिए ग्रामीणों का बेमियादी धरना
रोजगार के लिए ग्रामीणों का बेमियादी धरना

संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान (बीटीकेआइटी) के लिए जमीन देने वाले परिवारों का रोजगार व अन्य मागों को लेकर बेमियादी धरना शुरू हो गया है। कालेज प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की माग को दोषपूर्ण बता संस्थान के कायरें में बाधा पहुंचाने की बात पर गुस्सा और भड़क उठा। दो टूक चेतावनी दी सभी मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

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मल्ली मिरई, डढोली, भौरा आदि गांवों लोग शुक्त्रवार को भी बीटीकेआइटी के मुख्य गेट पर एकत्र हुए। कालेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि समझौते के अनुरूप संस्थान भूमिधर परिवारों को रोजगार तो नहीं दे सका। अब सुरक्षा व आउटसोर्स का ठेका न देकर उनके हकों पर कुठाराघात कर रहा है।

चेतावनी दी कॉलेज प्रशासन द्वारा भूमि दान देने वालों के हितों की अनदेखी की तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

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कालेज प्रशासन के बयान पर भड़के ग्रामीण

ग्रामीणों ने कॉलेज प्रशासन के उस बयान की कड़ी निंदा की जिसमें कहा कि समिति ने त्रुटिपूर्ण निविदा प्रणाली दिखा ग्रामीणों को गुमराह किया है। कहा सुरक्षा की निविदाओं में न्यूनतम रेट होने के बावजूद उनकी पंजीकृत समिति को ठेका न देकर कॉलेज प्रशासन ग्रामीणों के हितों की अनदेखी कर रहा है। अब कायरें में बाधा डालने का आरोप लगा कानूनी कार्रवाई की धमकी दे रहा है। जिसे बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

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ये रहे मौजूद

भूमि अध्यापत सुरक्षा व सेवा समिति अध्यक्ष जीवन सिंह राणा, देव सिंह रावत, कुंवर सिंह बजेठा, कल्पना रावत, ममता देवी, कमला देवी, हंसी देवी, भगवती देवी, चंपा देवी, विमला देवी, दुर्गा देवी, खष्टी देवी, माया देवी, राधा देवी, बसंती देवी, पूरन सिंह, भूपाल सिंह, बिशन सिंह आदि।

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पूर्व विधायक ने दिया समर्थन

ग्रामीणों के आंदोलन को पूर्व विधायक मदन बिष्ट व सामाजिक कार्यकर्ता नारायण रावत ने अपना समर्थन दिया है। उन्होंने ग्रामीणों की मागों को जायज ठहराते हुए कॉलेज प्रशासन से उनका हक देने की बात कही। कहा कि उच्च न्यायालय के भूमिधरों को रोजगार देने का आदेश के बावजूद संस्थान मनमानी कर रहा है। सुझाव दिया कि निदेशक को आदोलनकारियों पर कार्यवाही के बजाय रोजगार देने की बात करनी चाहिए।


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