भुगतान न होने से चढ़ा ग्राम प्रधान संगठन का पारा
कोरोना संक्रमण काल में रोजगार का जरिया बनी मनरेगा योजना धनाभाव को लेकर प्रधानों का पारा चढ़ गया।
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : कोरोना संक्रमण काल में रोजगार का जरिया बनी मनरेगा योजना धनाभाव के कारण कुशल श्रमिकों व कर्मचारियों के लिए अभिशाप सी बन गई है। बीते छह माह से मजदूरी व मानदेय न मिलने के अलावा सामग्री का भुगतान न होने के कारण प्रधान संगठन गुस्से में है। योजना को आगे चलाने में असमर्थता व्यक्त करते हुए बकाया भुगतान नहीं होने पर ब्लॉक मुख्यालय में तालाबंदी की चेतावनी दी है।
प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के तमाम दावे किए जाएं पर धरातल पर दावे खोखले साबित हो रहा है। मनरेगा योजना सब कुछ हकीकत बया कर रही है। ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष नरेंद्र अधिकारी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कहा है कि कोरोना संकटकाल में मनरेगा योजना स्थानीय व बाहर से आए प्रवासियों के लिए अल्प रोजगार का माध्यम बनी है। मगर बीते छह माह से योजना के तहत कार्यरत कर्मचारियों को मानदेय व कुशल श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान नहीं हो सका है और न ही कायरें में प्रयुक्त सामग्री का अभी तक भुगतान हो पाया है। जिस कारण योजना से जुड़े सभी लोग खासे परेशान हैं। केंद्र व राज्य सरकार योजना में बजट की कमी न होने का ढि़ढोरा पीट रही हैं। जबकि योजना से जुड़े श्रमिकों व कर्मचारियों के सामने परिवार के भरण पोषण का संकट आ खड़ा हुआ है। ऐसे में ग्राम प्रधानों में लिए भविष्य में काम करवाना कठिन हो चुका है। उन्होंने माग की है कि सभी भुगतान शीघ्र नहीं किए गए तो विकासखंड के प्रधान आगे काम नहीं करवाएंगे। साथ ही ब्लॉक में तालाबंदी के लिए भी बाध्य होंगे।