गावों में 'वेंटीलेटर' पर स्वास्थ्य सुविधा
संवाद सहयोगी रानीखेत शासन प्रशासन के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने के दा
संवाद सहयोगी, रानीखेत : शासन प्रशासन के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने के दावे धरातल में खोखले साबित हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटीलेटर में पहुंच गई। यहां स्थापित चिकित्सालयों में चिकित्सक तो दूर अब फार्मासिस्ट भी तैनात नहीं है। यहीं कारण है कि जो फार्मासिस्ट तैनात भी हैं तो वह अलग-अलग गावों में बने स्वास्थ्य केंद्रों में तीन तीन दिन व्यवस्था संभालने को मजबूर हैं।
चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा पहाड़ अब फार्मासिस्ट की कमी से भी जूझने लगा है। आलम यह है कि यहां तैनात फार्मासिस्ट अब अलग-अलग गाव में बने स्वास्थ्य केंद्रों में तीन तीन दिन का रोस्टर तय कर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ऐसा ही सूरत ए हाल है ताड़ीखेत ब्लॉक के सुदूर बजीना व खुडोली गाव का। बजीना गाव में तैनात फार्मासिस्ट को सप्ताह तीन दिन गांव तथा तीन दिन सीएचसी में बैठने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि खुडौली में तैनात फार्मासिस्ट को तीन दिन गाव तथा तीन दिन गाड़ी चौना गाव में स्थित सबसेंटर में सेवा देने निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के भूपेंद्र सिंह देव, भुवन फत्र्याल, बालम सिंह, नैन सिंह के अनुसार गावों में पूर्व से तैनात फार्मासिस्ट को इधर-उधर भेजे जाने से व्यवस्था गड़बड़ा गई है। जिससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने पूर्व से तैनात फार्मासिस्टों को यथावत रखे जाने की माग की है।
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फार्मासिस्टों की कमी है। इसी वजह से व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। फार्मासिस्टों की तैनाती के लिए उच्चाधिकारियों को भी पत्राचार कर दिया गया है। जल्द व्यवस्था दुरुस्त कर दी जाएगी।
- डीएस नबियाल, चिकित्सा प्रभारी सीएचसी ताड़ीखेत'