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Uttarakhand: कोसी पुनर्जनन महाभियान के जनक प्रो. रावत को उत्कृष्ट सम्मान, कई राज्यों के लिए विकसित किया है GIS

प्रो. जीवन सिंह रावत ने दैनिक जागरण को बताया कि उत्तराखंड से उन्हें जबकि उत्तर प्रदेश से बनारस हिंदू विवि में पूर्व विभागाध्यक्ष भूगोल प्रो. राणा पीबी सिंह को सांस्कृतिक भूगोल में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।

By Jagran NewsEdited By: Rajesh VermaPublished: Sat, 26 Nov 2022 10:36 AM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 10:36 AM (IST)
Uttarakhand: कोसी पुनर्जनन महाभियान के जनक प्रो. रावत को उत्कृष्ट सम्मान, कई राज्यों के लिए विकसित किया है GIS
यह सम्मान जीआईएस तथा सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) में उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया गया है।

रानीखेत, जागरण संवाददाता : कोसी पुनर्जनन महाअभियान के जनक एवं उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों में भौगोलिक सूचना विज्ञान तकनीक (GIS) विकसित करने वाले भूगोलविद प्रो. जीवन सिंह रावत को इंटरनेशनल जियोग्राफिकल यूनियन (IGU) के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मानित किया गया।

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AIT व NRDMS के हैं तकनीकी सलाहकार

प्रो. रावत वर्तमान में एशियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (AIT) थाईलैंड तथा नेचुरल रिसोर्स डाटा मैनेजमेंट सिस्टम (NRDMS) में जीआईएस के जरिये आपदा प्रबंधन में अनुप्रयोग के तकनीकी सलाहकार हैं। प्रो. रावत को यह सम्मान जीआईएस तथा सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) में उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया गया है।

हरियाणा में हुआ था सम्मेलन

केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा में बीते गुरुवार को इंटरनेशनल जियोग्राफिकल यूनियन का दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हआ। इसमें प्रो. रावत समेत देश विदेश के करीब 700 भूगोलवेत्ता शामिल हुए। सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष भूगोल (एसएसजे विवि अल्मोड़ा) एवं नेशनल जियो स्पेशल चेयरप्रोफेसर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी रहे प्रो. रावत ने दैनिक जागरण को बताया कि उत्तराखंड से उन्हें जबकि उत्तर प्रदेश से बनारस हिंदू विवि में पूर्व विभागाध्यक्ष भूगोल प्रो. राणा पीबी सिंह को सांस्कृतिक भूगोल में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।

यह भी पढ़ें : अल्मोड़ा में तीसरी संतान होने पर दो प्रधान और एक क्षेत्र पंचायत सदस्य ने दिया इस्तीफा 

अब तक ये रहीं उपलब्धियां

  • भूगोल विभाग कुमाऊं विवि से 1977 में स्वर्ण पदक।
  • 130 शोधपत्र व तीन पुस्तकें प्रकाशित।
  • भौगोलिक सूचना विज्ञान तकनीक, जल संरक्षण, गैरहिमानी नदियाें के पुनर्जनन विषयक शोध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहे गए हैं।
  • जीआइएस के जरिये आपदा प्रबंधन, नदियों के संक्षण आदि क्षेत्रों में अहम योगदान के लिए 1986 में यंग साइंटिस्ट ट्रेवल अवार्ड
  • 1988 में काउंसिल फार इंटरनेशनल एक्सचेंज आफ स्कालर्स तथा वाशिंगटन डीसी के सीनियर फुल व्राइट फैलोशिप अवार्ड
  • 2013 में दैनिक जागरण की ओर से कुमाऊं गौरव सम्मान
  • 2018 में जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार से राष्ट्रीय जल अवार्ड मिला।
  • वर्तमान में प्रो. रावत राज्य सरकार की कुमाऊं नदी पुनर्जनन समिति के विज्ञानी सलाहकार हैं।

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