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ताकुला में कोयले की गैस से दो कर्मचारी बेहोश

अल्मोड़ा के ताकुला ब्लॉक के बसोली में स्थित एक रिसॉर्ट में ठंड से बचने के लिए बंद कमरे में अंगीठी जलाने से दो कर्मचारी बेहोश हो गए। जिन्हें गंभर हालत में जिला अस्पताल भर्ती कराया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 11:08 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 06:16 AM (IST)
ताकुला में कोयले की गैस से दो कर्मचारी बेहोश
ताकुला में कोयले की गैस से दो कर्मचारी बेहोश

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: ताकुला ब्लॉक के बसोली में स्थित एक रिसॉर्ट में ठंड से बचने के लिए अंगीठी जलाना दो कर्मचारियों को भारी पड़ गया। दोनों कर्मचारी अंगीठी से निकलने वाली गैस से कमरे में ही बेहोश हो गए। सुबह जब अन्य कर्मचारी कमरे में पहुंचे तो आनन फानन में दोनों को उपचार के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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बसोली में स्थित महेंद्रा एंड महेंद्रा रिसॉर्ट में छानी बागेश्वर निवासी बिरेंद्र सिंह पुत्र करम सिंह और डोटियालगांव निवासी जगत सिंह पत्र जैंत सिंह सुरक्षा कर्मी के पद पर तैनात हैं। गुरुवार को दोनों रात की ड्यूटी पर तैनात थे। गुरुवार के दिन सुबह से बारिश होने के कारण ठंड काफी बढ़ गई थी। जिस कारण दोनों ने ठंड से बचने के लिए अपने कमरे में कोयले वाली अंगीठी जला ली और दरवाजा बंद कर सो गए। रात में कोयलों से गैस बनी और दोनों कमरे में ही बेहोश हो गए। सुबह जब अन्य कर्मचारी अपनी ड्यूटी के होटल पहुंचे तो देखा कि दोनों कर्मचारी कमरे में बेहोश पड़े हुए हैं। आनन फानन में दोनों को स्वास्थ्य केंद्र ताकुला लाया गया, लेकिन हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। दोनों को अल्मोड़ा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां चिकित्सक उनका उपचार कर रहे हैं। ======== कोयले की अंगीठी से क्या हैं नुकसान

अंगीठी में जल रहे कोयले से कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस निकलती है। यह गैस शरीर को नुकसान पहुंचाती है। सर्दियों में ठंड लगने पर लोग अंगीठी तो जलाते हैं। लेकिन अगर कमरा बंद हो तो इसकी गैस से सांस लेने में परेशानी होती है और त्वचा रोगों में भी वृद्धि होती है। इससे आंखों में संक्रमण और दम घुटने का भी खतरा बना रहता है। ========== कोयले की अंगीठी जलाते वक्त क्या बरतें सावधानियां = बंद कमरे में कभी भी लकड़ी और कोयले की अंगीठी ना जलाएं।

= अंगीठी जलाते वक्त कमरे में वेंटिलेशन का भी ख्याल रखें।

= कमरे में धुएं के धनत्व को कभी ना बढ़ने दें।

= अंगीठी को खुले में जलाकर कमरे में ले जाएं। ========== कोयले की अंगीठी से निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस में गंध नहीं होती है, जिस कारण लोगों को पता नहीं चलता कि वह जहरीली गैस में सांस ले रहे हैं। इसलिए ठंड से बचने के लिए अंगीठी जलाते वक्त सावधानी बरतना काफी जरूरी है।

- डॉ. प्रकाश वर्मा, पीएमएस जिला अस्पताल, अल्मोड़ा


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