दो चरस और गांजा तस्करों को न्यायालय ने सुनाई सजा, एक को दस साल व दूसरे को तीन महीने का कारावास
चरस व गांजा तस्करी के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश प्रदीप पंत ने दो तस्करों को सजा सुनाई है। एक को दस साल और दूसरे को तीन माह के कारावास की सजा दी।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : चरस व गांजा तस्करी के एक मामले में विशेष सत्र न्यायधीश प्रदीप पंत ने दो अभियुक्तों को सजा सुनाई है। एक अभियुक्त को दस साल की सजा और एक लाख रुपये अर्थदंड व दूसरे को तीन माह की कैद और तीन हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
अभियोजन के अनुसार नौ जून 2018 को उप निरीक्षक श्वेता नेगी अपनी टीम के साथ चेकिग अभियान पर थी। चेकिग के दौरान धौलकड़िया तिराहे के पास देवीधुरा की ओर से आ रही महिद्रा बोलेरो संख्या यूके-04-7127 को चेकिग के लिए रोका गया। पुलिस टीम को वाहन के पीछे बैठा एक व्यक्ति संदिग्ध लगा। पूछताछ के दौरान व्यक्ति ने अपना नाम दीवान सिंह पुत्र खड़क सिंह निवासी ग्राम बदूकिया, पाटी, चम्पावत बताया। दीवान सिंह के पास से दो बैग थे। जिसमें से एक बैग से गांजे की खुशबु आ रही थी। जबकि दूसरे बैग में एक थैली में हरे रंग का पाउडर भरा हुआ था। दीवान सिंह ने पूछताछ में बताया कि दूसरा बैग केशर सिंह पुत्र नैन सिंह निवासी बसान का है। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। इस मामले का विचारण विशेष सत्र न्यायधीश प्रदीप पंत के न्यायालय में चला। इस मामले में अभियोजन की ओर से आठ गवाह परीक्षित कराए। अभियोजन की ओर से प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता शेखर चंद्र नैलवाल, सहायक अधिवक्ता हरीश मनराल और विशेष लोक अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी ने इस मामले की प्रबल पैरवी की। लिखित और मौखिक साक्ष्यों को सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश ने दीवान सिंह रावत को तीन माह की सजा और तीन हजार का अर्थदंड और केशर सिंह को दस साल की सजा और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।