फिर वहीं डाला डेरा, जहा से मासूम को उठाया था
ग्रामसभा डूंगरी (भैंसियाछाना ब्लॉक) के उडल तोक से पेटशाल तक आतंक का पर्याय गुलदार मारा जा चुका है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : ग्रामसभा डूंगरी (भैंसियाछाना ब्लॉक) के उडल तोक से पेटशाल तक आतंक का पर्याय बने आदमखोर गुलदार की पैनल की मौजूदगी में विभागीय नियमों के तहत अंत्येष्टि कर दी गई। उसका एक दात टूटा हुआ था, जबकि नाखून घिस चुके थे। वह दोबारा उसी घर के पास डेरा डाल बैठ गया था, जहा मासूम को ले गया था। वन कíमयों ने उसे ट्रैंकुलाइज करना चाहा पर विफल रहे। तब मजबूरन उसे निशाना बनाया गया।
याद रहे बीती छह जुलाई की शाम उडल तोक में गुलदार डेढ़ वर्षीय बच्चे को उठा ले गया था। फिर आठ जुलाई को पेटशाल में बुजुर्ग महिला शिकार बनी। प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) व मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने गुलदार को मानव जीवन के लिए खतरा घोषित किया। तब शिकारी दल व वन कíमयों ने गश्त तेज की। इस बीच गुलदार के लगातार पैंतरा बदलने से कैद नहीं किया जा सका।
बीती 13 जुलाई को गुलदार के अलग-अलग समय में दिखाई देने की सूचना मिली। उसे ट्रैंकुलाइज करने के प्रयास किए। पदचिह्न भी दिखे। बीती 15 जुलाई को गुलदार उडल तोक में उसी घर के पास बैठा रहा, जहा से वह मासूम के ले गया था। गुलदार ने शिकारी दल पर हमला का प्रयास भी किया। गुरुवार की शाम वन विभाग के शूटरों ने उसे ट्रैंकुलाइज की कोशिश की पर विफल रहे। आखिर में उसे मार गिराया गया। बाद में गुलदार का शव रेस्क्यू सेंटर लाया गया। पशु चिकित्सालय में डॉ. कमल दुर्गापाल, डॉ. आलोक जोशी ने गुलदार का पोस्टमार्टम किया। एनजीओ सदस्य विभु कृष्णन विभागीय अधिकारियों के साथ उपस्थित रहीं। डीएफओ महातिम सिंह यादव की मौजूदगी में एसडीओ, पशु चिकित्सा अधिकारियों, एनजीओ सदस्य व मृग विहार के कर्मचारियों ने मादा गुलदार की अंत्येष्टि की।