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पृथ्वीराज चौहान के वंशजों की अखंड भारत गौरव यात्रा आज

संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : गुर्जर संस्कृति की गरिमा, वैश्रि्वक शाति तथा समरसता के उद्देश्य से अखंड

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 10:50 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 10:50 PM (IST)
पृथ्वीराज चौहान के वंशजों की अखंड भारत गौरव यात्रा आज
पृथ्वीराज चौहान के वंशजों की अखंड भारत गौरव यात्रा आज

संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : गुर्जर संस्कृति की गरिमा, वैश्रि्वक शाति तथा समरसता के उद्देश्य से अखंड भारत गुर्जर महासभा की 'अखंड भारत गौरव यात्रा' का बुधवार को पौराणिक द्वारका (द्वाराहाट) से श्रीगणेश होगा। चूंकि प्रतापी गुर्जर ¨हदू शासक पृथ्वीराज चौहान के वंशज गहन अध्ययन के बाद कुमाऊं की सबसे पुरानी सांस्कृतिक व आध्यात्मिक नगरी द्वाराहाट स्थित कत्यूरकालीन गुर्जरदेव मंदिर को देश दुनिया का अपना चौथा धाम होने का दावा कर चुके हैं। इसीलिए उत्तराखंड से अफगानिस्तान तक गौरव यात्रा यहीं से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

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अखंड भारत गुर्जर महासभा के अध्यक्ष कर्नल देवानंद सिंह लोहमरोड़ के अनुसार बुधवार को यात्रा उत्तराखंड के द्वाराहाट स्थित महाराजा गुर्जरदेव मंदिर से शुरू होकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि प्रातों से होकर जम्मू कश्मीर पहुंचेगी। उसके बाद पाकिस्तान होकर अफगानिस्तान जाएगी। जहा गुर्जर हिंदू शासक शूरवीर पृथ्वीराज चौहान के शहादत स्थल (समाधि) पर श्रद्धाजंलि अर्पित की जाएगी। यात्रा का समापन अगले वर्ष सितंबर में दिल्ली में होगा। महासभा अध्यक्ष के मुताबिक यात्रा का उद्देश्य गुर्जर समाज के गौरव को पुनस्र्थापित कर वैश्रि्वक शाति व सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है। कहा कि द्वाराहाट का गुर्जरदेव मंदिर ही गुर्जरों का चौथा धाम है। इसी मकसद से यात्रा द्वाराहाट से शुरू की जा रही है। इधर महासभा का दल देर रात यहां पहुंच गया।

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क्या है मान्यता

गुर्जर महासभा के अनुसार गुर्जरों के चार धाम हैं। पहला टोकपुरिया जला टाक राजस्थान व मालपुरा में दो धाम हैं। तीसरा खांचरोज रतलाम मध्य प्रदेश जबकि चौथे धाम की खोज उत्तराखंड के द्वाराहाट (अल्मोड़ा) स्थित गुर्जरदेव मंदिर के रूप में की गई है। महासभा से जुड़े इतिहासकार मोहन लाल वर्मा बताते हैं कि द्वाराहाट स्थित गुर्जरदेव मंदिर के साक्ष्य बताते हैं कि इसका निर्माण प्रतिहार अथवा कुषाणकाल में हुआ था, जो गुर्जरवंशी थे। चौथे धाम की खोज लंबे समय से चल रही थी।

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'अखंड भारत गुर्जर महासभा की यात्रा बुधवार को शुरू हो रही है। इसके लिए उन्हें अनुमति प्रदान कर दी गई है।

- रजा अब्बास, एसडीएम द्वाराहाट'


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