अफसरों के सामने उठा पेयजल संकट का मुद्दा
अल्मोड़ा जिले के कई गांवों में बेशक कोसों दूर से पानी ढोने की समस्या से निजात दिलाने को कई योजनाओं को संचालन किया जा रहा हो लेकिन इसके बाद भी कोसी घाटी क्षेत्र के कई गांव पेयजल संकट से त्रस्त हैं। सोमवार को प्रभावित गांवों के लोगों ने जनता मिलन कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों के सामने पेयजल संकटा का मुद उठाया।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : बेशक कोसों दूर से पानी ढोने की समस्या से निजात दिलाने को 'हर घर को नल से जल' योजना प्रदेश में शुरू की जा चुकी है। इसके तहत 6600 करोड़ का बजट भी रखा गया है, मगर कोसी नदी किनारे बसे तमाम गांवों के लिए तो पेयजल योजना ही नहीं बनी है। जनता मिलन कार्यक्रम में हवालबाग की महिलाओं ने यह मुद्दा जोरशोर से उठाया। उन्होंने साफ कहा कि चुनाव के वक्त नेता हाल जानने तो पहुंच जाते हैं लेकिन उसके बाद मीलों दूर गधेरे या स्रोत से पानी सिर पर ढोने की पीड़ा महसूस नहीं करते।
कलक्ट्रेट में सोमवार को जनता मिलन कार्यक्रम के दौरान हवालबाग की महिलाएं सरोज नेगी के साथ पहुंची। एडीएफ बीएल फिरमाल के समस्या पूछते ही वह बिफर पड़ी। कहा कि एक ओर सरकार सबको पानी उपलब्ध कराने की बात कर रही। दूसरी तरफ कोसी नदी के किनारे बसे गांवों के लिए अब तक योजना तक नहीं बन सकी है। एडीएम ने शांत कराने का प्रयास किया तो व्यवस्था से परेशान सरोज नेगी ने कहा, नेता व अधिकारी ग्रामीणों की मजबूरी को नहीं समझेंगे। इस पर एडीएम कहा, वह स्वयं उस गांव से हैं, जहां कई किमी दूर से पानी का जुगाड़ करना पड़ता है। उन्होंने खुद पानी सिर पर ढोया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निदान के निर्देश दिए।
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.. तो अधिकारी भी ढोएं सिर पर पानी
मीलों पैदल गधेरे से पानी ढोने की पीड़ा पर जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. अजीत तिवारी ने तर्क दिया कि यह भी एडवेंचर है। इस पर हवालबाग की सरोज नेगी का पारा और चढ़ गया। बोलीं कि एडवेंचर है तो अधिकारी व नेताओं को भी सिर पर पानी ढोना चाहिए। सुख सुविधाएं क्यों लेते हैं।
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यह समस्याएं भी उठाई
= तल्ला जोशीखोला रिंग रोड क्षेत्र में जलापूर्ति सुचारु नहीं।
= थाना बाजार के आकाश थापा ने स्थायी निवास प्रमाणपत्र न बनने की शिकायत।
= चीनाखान के जगदीश चंद्र तिवारी ने योजना के बावजूद पानी न मिलने का मुद्दा उठाया।
= धौलादेवी ब्लॉक में आरा-सल्यूड़ा मोटर मार्ग में डामरीकरण की गुणवत्ता पर सवाल।
============== यह गांव योजना से वंचित
= मल्ला धामस, ज्योली, कनेली, बिसरा, खड़कून आदि।
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ये रहे मौजूद
वन क्षेत्राधिकारी बिनसर आशुतोष जोशी व आरओ संचिता वर्मा, आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी, ईओ पालिका श्याम सुंदर प्रसाद, प्रशासनिक अधिकारी भीम सिंह मेर आदि।
========== :::: वर्जन
यदि दस-बीस परिवार वंचित हैं तो उन्हें आसपास की योजना से जोड़ जलापूर्ति कर सकते हैं। मगर योजना ही नहीं बनी है तो जल निगम सर्वे कर निर्माण की कार्यवाही करेगा। जल संस्थान का काम केवल रखरखाव व समान जलापूर्ति करना है।
- मुकेश कुमार, प्रभारी ईई जलसंस्थान