रुड़की के विशेषज्ञ तय करेंगे बढेरी बैराज का भविष्य
रानीखेत में राज्यसभा सासद अनिल बलूनी के ड्रीम प्रोजेक्ट बढेरी बैराज के प्रारंभिक स्तर का सर्वे अंतिम चरण में पहुंच गया है।
संवाद सहयोगी, रानीखेत : राज्यसभा सासद अनिल बलूनी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'बढेरी बैराज' के प्रारंभिक स्तर का सर्वे अंतिम चरण में पहुंच जाने के बाद अब सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों से बैराज निर्माण को हरी मिलने का इंतजार है। उसके बाद ही बैराज का भविष्य तय होगा तथा विभाग आगे कदम बढ़ाएगा।
कोसी घाटी के बढेरी गाव के समीप कोसी नदी पर करीब 600 करोड़ रुपए की लागत से बैराज बनाया जाना है। बीते 28 जून को राज्यसभा सासद अनिल बलूनी ने प्रस्तावित बैराज का जायजा लेकर सर्वे के लिए भारत सरकार से करीब बीस लाख रुपया अवमुक्त करा डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए थे। प्रारंभिक स्तर पर दो से तीन सर्वे पूरे कर लिए गए पर बरसात में वेग बढ़ जाने से नदी के मध्य व दोनों और मजबूत चट्टान का पता लगाने को ड्रिलिंग का कार्य प्रभावित हो गया। कोसी नदी का वेग काफी कम हो चुका है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञ बैराज निर्माण को ठोस चट्टान व बालू का पता लगाएंगे। नदी के तीन स्थानों पर ड्रिलिंग का कार्य होगा। अनुसंधान संस्थान से रिपोर्ट मिलने के बाद आगे का काम कराया जाएगा।
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नैनीताल, बेतालघाट व रानीखेत के गावों को मिलेगा पानी
बैराज निर्माण में लगने वाले 600 करोड़ स्पये की लागत से 20 मी. ऊंचाई तथा डेढ़ किमी लंबे बैराज निर्माण में 200 करोड़ रुपया खर्च होगा। शेष धनराशि पानी को नैनीताल मुख्यालय व रानीखेत के गावों में पहुंचाने में खर्च होगी। इससे बेतालघाट तथा ताड़ीखेत ब्लॉक के तमाम गावों को रोजाना करीब 60 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो सकेगी।
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'प्रारंभिक स्तर के सभी सर्वे पूरे कर लिए गए हैं। नदी के मध्य व दोनों किनारों में मजबूत चट्टान का पता लगाने के लिए ड्रिलिंग का कार्य ही शेष बचा है। जल्द ही ड्रिलिंग कर यह काम भी पूरा कर लिया जाएगा। सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों से रिपोर्ट मिलने के बाद कदम आगे बढ़ाए जाएंगे।
- एमसी पाडे, मुख्य अभियंता सिंचाई'