सिडकुल में पहाड़ के युवाओं की अनदेखी का आरोप
उत्तराखंड क्रांतिदल युवा प्रकोष्ठ ने सिडकुल सहित राज्य के अन्य निजी संस्थानों में बाहर के प्रदेशों के लोगों को रखे जाने का विरोध किया है। साथ ही स्थानीय लोगों को नौकरी दिए जाने की मांग की है।
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट: उत्तराखंड क्रांतिदल युवा प्रकोष्ठ ने सिडकुल सहित राज्य के अन्य निजी संस्थानों में स्थानीय युवाओं की अनदेखी कर बाहरी राज्य के लोगों को अधिक संख्या में नौकरी देने का विरोध किया है। कहा कि लगातार बढ़ती जा रही बेरोजगारी और कोरोना महामारी के कारण राज्य में वापस लौटे युवाओं के हितों को देखते हुए 70 फीसद स्थानीय युवाओं के प्रावधान को लागू करने से ही राज्य में खुशहाली आ सकती है। इसके अतिरिक्त बसों का किराया बढ़ाने पर भी नाराजगी जताते हुए इसे तत्काल वापस लिए जाने की आवाज बुलंद की है। उत्तराखंड क्रांतिदल (उक्रांद) युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अर्जुन खंपा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने तहसील के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। कहा कि सिडकुल के अंतर्गत आने वाले उद्योगों, कंपनियों आदि में राज्य के 70 फीसद युवाओं को रोजगार देने का प्रावधान किया गया था। मगर जिसका पालन आज तक नहीं किया गया। राज्य की 14.2 प्रतिशत बेरोजगारी दर के अलावा कोरोना महामारी के कारण लाखों युवा घरों को वापस लौटे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए सिडकुल के अलावा राज्य के अन्य निजी संस्थानों में स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया जाना जरूरी है। इसके अलावा फल व सब्जी मंडियों, निजी विद्यालयों में भी स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने की माग की है। कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 50 प्रतिशत सब्सिडी दिए जाने तथा टेंडर प्रक्रिया में राज्य के पंजीकृत ठेकेदारों को ही प्राथमिकता प्रदान की जाए। संगठन ने बसों का किराया बढ़ाए जाने पर रोष जताया और इसे तत्काल वापस लेने की माग ही ज्ञापन सौंपने वालों में गोविंद अधिकारी, कमल जोशी, करन बिष्ट, लक्की चौधरी मौजूद रहे।