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द्वाराहाट के ऐतिहासिक स्याल्दे बिखौती मेले में आल व गरख धड़े के रणबांकुरों ने भेंटा ओड़ा

द्वाराहाट के ऐतिहासिक स्याल्दे मुख्य मेले में नगाड़े की गर्जना व हुड़के की घमक के साथ वीर रस के दर्शन हुए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 11:21 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 11:21 PM (IST)
द्वाराहाट के ऐतिहासिक स्याल्दे बिखौती मेले में आल व गरख धड़े के रणबांकुरों ने भेंटा ओड़ा
द्वाराहाट के ऐतिहासिक स्याल्दे बिखौती मेले में आल व गरख धड़े के रणबांकुरों ने भेंटा ओड़ा

संस, द्वाराहाट : ऐतिहासिक स्याल्दे मुख्य मेले में नगाड़े की गर्जना व हुड़के की घमक के साथ वीररस की हुंकार ने हिमालयी गौरवशाली अतीत के दर्शन कराए। सरंकार नृत्य ने जहां रणकौशल की बानगी दी। वहीं प्रेम व श्रृंगार रस से लबरेज झोड़ा व चांचरी ने माहौल में अलग ही मिठास घोली। वहीं रणसिंग की गगनभेदी धुन के बीच आल व गरख धड़े के जोशीले रणबांकुरों ने ओड़ा भेंटने की रस्म निभाई।

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पौराणिक द्वारका गुरुवार को झोड़ा व चांचरी की उमंग से सराबोर रही। मुख्य स्याल्दे मेले को देखते हुए सुबह से ही महिलाओं की टोलियां मुख्य चौराहे पर जुटनी शुरू हो गई थी। शाम को गरख धड़े की ग्राम पंचायत छतगुल्ला, सलना, बसेरा, नैणी, बूंगा, कुई, बेढुली, गवांड़ व सिमलगांव के रणबांकुरों ने नौ जोड़े नगाड़े निषाणों के साथ ओड़ा भेंटा। इसके बाद आल धड़ा की ओर से विजयपुर के बांकुरों ने छह जोड़ी नगाणे निषाणों के साथ ओड़ा भेंटने की रस्म निभाई। इस दौरान पूरा नगर त्रिशुल सजे निषाणों से पट गया। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए तमाम गांवों का रेला नहीं पहुंचा।

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शराब पर कटाक्ष, जंगल बचाने का संदेश

ऐतिहासिक स्याल्दे मुख्य मेले में शराब की दुकानें खुली रखने से आहत महिला रंगकर्मियों ने व्यवस्था पर सवाल उठाए। साथ ही झोड़ा गीत 'पहाड़ा का दाज्यू झन पिया शराबा, लाल लाल थैली नाम गुलाबा..' के जरिये नशाखोरी पर प्रहार किया। वहीं मौजूदा वनाग्नि तथा घटती हरियाली के प्रति आगाह करते हुए संदेश दिया- 'बांज नि काटा लछीमा बांजा नि काटा ..'। वहीं 95 वर्षीय झोड़ा व भगनौल गायक टीका राम ने भी समा बांधा।

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अव्यवस्था भी रही

ऐतिहासिक मेले में जहां शराब की दोनों दुकानें बंद नहीं रखी गई। वहीं यातायात व्यवस्था भी बदहाल रही। तमाम गांवों का रेला उमड़ने के बावजूद वाहनों की आवाजाही से हादसों का डर भी सताता रहा। इससे पूर्व के आयोजनों के दौरान मेले के मद्देनजर शराब की दुकानें व यातायात बंद रखा जाता था।


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