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दुश्वारियों के बीच अनुशासनहीनता पर उठाया कड़ा कदम

अल्मोड़ा मेडिकल कालेज तमाम दुश्वारियों व चुनौतियों के दौर से गुजर रहा है मगर इस मामले में प्राचार्य ने अनुशासनहीनता पर समझौता नहीं किया। उन्होंने मारपीट मामले में तीन रेजिडेंट डाक्टरों को बर्खास्त कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 09:51 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 08:29 AM (IST)
दुश्वारियों के बीच अनुशासनहीनता पर उठाया कड़ा कदम
दुश्वारियों के बीच अनुशासनहीनता पर उठाया कड़ा कदम

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : मेडिकल कालेज बेशक तमाम दुश्वारियों व चुनौतियों के दौर से गुजर रहा है। इसके बावजूद त्वरित कार्रवाई ने बड़ा संदेश भी दिया है। प्राचार्य डा. रामगोपाल नौटियाल ने साफ कहा कि अनुशासनहीनता कतई बर्दास्त नहीं की जाएगी। यही वजह रही कि तीन जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों को बर्खास्त कर संतुलन साधते हुए आपा खो बैठे वार्डन के खिलाफ शासन को लिखा गया है। सूत्रों की मानें तो वार्डन का जिम्मा संभाले एसोसिएट प्रोफेसर के तैश में आने से मेडिकल कालेज में बवंडर खड़ा हुआ।

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अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में बीते रोज मारपीट व हंगामे के बाद प्राचार्य डा. रामगोपाल ने त्वरित कदम उठा साफ कर दिया कि भले ही कालेज को मान्यता के लिए जूझना पड़ रहा है। मगर अनुशासनहीनता कतई बर्दास्त नहीं की जाएगी। यही वजह है कि वार्डन का चार्ज संभाले एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. अनिल पांडे को हटा कर उनके खिलाफ शासन को लिख कर भेज दिया है। दूसरी तरफ तीन जूनियर रेजिडेंट डाक्टर बर्खास्त कर संतुलन साध अनुशासन का संदेश दिया गया।

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22 एसोसिएट प्रोफेसरों की जरूरत

अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को अभी 22 से ज्यादा संकाय सदस्यों यानी एसोसिएट प्रोफेसर की जरूरत है। मगर हालिया प्राचार्य डा. रामगोपाल नौटियाल की जद्दोहद के बाद तीन ही संकाय सदस्यों ने ज्वाइन किया। तीन एसोसिएट प्रोफेसर पहले से ही कार्यरत हैं।

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मेडिकल कालेज में पेयजल योजना की फाइल अब भी आगे नहीं बढ़ सकी है। प्राचार्य डा. रामगोपाल की पहल पर जल संस्थान भले ही आगणन बनाने में जुट गया है। मगर इसमें अभी 10 दिन और लगने हैं। कालेज में पेयजल समस्या सबसे बड़ा मसला है। हैरत की बात है कि 2012 में निर्माण शुरू होने के बाद से अब तक पेयजल योजना बिछाने के लिए ठोस प्रयास किए ही नहीं गए। अब जबकि मेडिकल कालेज मान्यता के लिए जूझ रहा है, एक अदद पेयजल योजना तक तैयार नहीं की जा सकी है।

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'अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं की जा सकती। यह बात और है कि हमें संकाय सदस्य व डाक्टरों की जरूरत है, लेकिन खुलेआम मारपीट कर अराजकता का अधिकार किसी को नहीं है। दूसरा, मेडिकल कालेज में पेयजल सबसे बड़ी समस्या है। विभाग से बात की है। आगणन बनाने में 10 दिन और लग रहे।

- डा. रामगोपाल नौटियाल, प्राचार्य अल्मोड़ा मेडिकल कालेज'


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