मुनाफे के खेल में चीड़ के पेड़ों पर घपले के घाव
संवाद सहयोगी अल्मोड़ा पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलातों में मुनाफे का खेल चल रहा। लीसा गढ़ा
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलातों में मुनाफे का खेल चल रहा। लीसा गढ़ान की आढ़ में विभागीय कर्मचारियों की साठगांठ पर चीड़ के पेड़ों पर मानक के उलट कहीं अधिक घावों का घपला तो अरसे से चल ही रहा। हैरत की बात है कि जो वन क्षेत्र आवंटित किए ही नहीं गए हैं, वहां भी गोरखधंधा चल रहा। दक्षिणी गणानाथ में 173 पेड़ों को छिले जाने का खुलासा होने के बाद डीएफओ ने वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा को जांच सौंप तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है।
दक्षिणी गणानाथ (ताकुला ब्लॉक) का वन क्षेत्र तो महज बानगी भर है। जनपद के अधिकांश जंगलात में मानक के उलट एक पेड़ पर तीन से चार घाव देकर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा। कहीं पेड़ की गोलाई अधिक होने पर ऊपर व नीचे चार-चार घाव तक कर दिए जाते हैं। इधर बीती 24 अगस्त को गणानाथ की फैक्ट्री में अवैध लीसे के 126 टिन जब्त किए जाने व आरक्षित वन क्षेत्र आवंटित न किए जाने के बावजूद चीड़ के पेड़ों पर घपले के घाव मिलने पर डीएफओ कुंदन कुमार ने जांच बैठा दी है।
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खंगाले जा रहे फैक्ट्री के कागजात
फैक्ट्री से लीसे के अवैध कारोबार के मामले में जांच टीम पता लगा रही है कि वास्तव में कितना लीसा निकाला जाना था। स्टॉक कितना था और कागजातों में कितना दर्शाया गया है। कागजात पूरे हैं भी कि नहीं। इसके अलावा कई और बिंदु भी जांच के दायरे में रखे गए हैं। वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा मामले की जांच कर रही।
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वन दरोगा व रक्षक से मांगा स्पष्टीकरण
बगैर जंगलात आवंटन लीसा गढ़ान तथा वन अधिनियम के उलट एक पेड़ पर चार-चार घाव मामले में डीएफओ ने संबंधित रेंज के वन दरोगा व रक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही विभागीय जांच में गर्दन फंसने की आशंका में वन कर्मी भी हलकान हैं।
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'फैक्ट्री से अवैध लीसा बरामदगी मामले में तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। वहीं जंगलात आवंटित हुए बगैर ही लीसा गढ़ान और पेड़ों पर नियमविरुद्ध ज्यादा घाव किए जाने पर जांच शुरू हो गई है। इससे विभाग को कितना नुकसान पहुंचा इसका भी खुलासा किया जाएगा। दोनों मामलों में विभागीय कर्मचारियों की लिप्तता का पता लगाने को अलग से जांच कराएंगे। फिलहाल, वन दरोगा व रक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
- कुंदन कुमार, डीएफओ'