देववाणी संस्कृत भाषा का संवर्द्धन जरूरी : शोभा
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : देववाणी संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है, इसलिए इस भ
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : देववाणी संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है, इसलिए इस भाषा का संरक्षण व संवर्द्धन बेहद जरूरी है। यह बात यहां राजा आनंद सिंह राजकीय बालिका इंटर कॉलेज परिसर में हवालबाग क्षेत्र की ब्लॉक स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता के शुभारंभ मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी ने कही।
विशिष्ट अतिथि एसएसजे परिसर के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. जय दत्त उप्रेती ने हिंदू धर्म में संस्कृत के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के 16 प्रमुख संस्कार संस्कृत भाषा में ही कराए जाते है। इसलिए इस भाषा के अधिकाधिक संवर्द्धन पर जोर दिया। राज्य व केंद्र सरकार से इस भाषा के उन्नयन के लिए कारगर उपाय किए जाने की बात कही। संस्कृत अकादमी हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित प्रतियोगिता के तहत जूनियर व सीनियर वर्ग में संस्कृत विषय के छात्राओं की छह-छह प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। पहले रोज जूनियर वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए संस्कृत नाटक, वाद-विवाद, आशुभाषण, श्लोकोच्चारण, समूह नृत्य के साथ ही गायन प्रतियोगिता हुई। जिसमें ब्लॉक के विभिन्न विद्यालयों से पहुंचे छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। सीनियर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिता शुक्रवार को आयोजित की जाएगी। अध्यक्षता प्रधानाचार्या सावित्री टम्टा तथा संचालन निर्मल पंत ने किया। इस मौके पर मोती प्रसाद साहू, कमलेश मिश्रा, पूरन चंद्र तिवारी, हेम चंद्र जोशी, डॉ. गिरीश चंद्र जोशी, नारायण दत्त भट्ट, अर्जुन पांडे, जानकी लोहनी, श्रेया जोशी, सुधा उप्रेती आदि मौजूद थे।