मुनाफे के फेर में चीर डाला पहाड़ी का सीना
संवाद सहयोगी रानीखेत पर्वतीय क्षेत्र में ग्रामीण सड़के बजट को ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी
संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्वतीय क्षेत्र में ग्रामीण सड़के बजट को ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। निर्माण कार्यो की आड़ में बेरोकटोक पहाड़ी का सीना चीरा जा रहा है। यहीं नहीं कच्चे पत्थरों से रोड के सुरक्षा दीवारों का निर्माण किया जा रहा है। इससे जहां भूस्खलन का खतरा पैदा हो रहा है वहीं कच्चे पत्थरों की दीवार दुर्घटना का सबब बना सकता है।
मामला ताड़ीखेत ब्लॉक के सुदूर पथुली गैराड़ मोटर मार्ग का है। स्वीकृति मिलने के बाद जून 2019 में करीब 4.09 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य शुरू हुआ। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन बनने वाली करीब नौ किमी सड़क की देखरेख की जिम्मेदारी वाप्कोस कंपनी को सौंपी गई, मगर हालात जुदा है। जगह जगह भारी भरकम जेबीसी मशीन से पहाड़ी का सीना चीर दिया गया है। यहीं नहीं जगह जगह दीवारों में कच्चे पत्थर का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। जिससे कभी भी दीवारें धराशाही होने का खतरा बढ़ गया है। करोड़ों खर्च के बावजूद गुणवत्ताविहीन पत्थर निर्माण कार्यों में लगाए जाने से विभागीय कार्यप्रणाली पर तमाम सवाल खड़े रहे।
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'निरीक्षण किया जाएगा। सुरक्षा दीवारों पर यदि कच्चे पत्थर लगाए गए हैं तो उन्हें हटाया जाएगा। गुणवत्ता विहीन कार्य मिलने पर संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई कर भुगतान रोका जाएगा।
- केसी आर्या, स्थानिक अभियंता वाप्कोस लिमिटेड'