समितियों में विवाद के कारण अल्मोड़ा में 100 वर्षों में पहली बार नहीं जला रावण का पुतला
बुधवार की शाम एलआर साह रोड होते हुए बाजार की ओर पुतलों का जुलूस निकाला जा रहा था। चौक बाजार के पास रावण और देवांतक पुतला समिति के सदस्यों में विवाद हो गया था। कुछ ही देर में विवाद मारपीट में बदल गया। इस बीच अफरातफरी का माहौल बन गया।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : प्रदेश भर में प्रसिद्ध अल्मोड़ा के दशहरा महोत्सव में 100 वर्षों में पहली बार इस साल रावण का पुतला नहीं जला। देर रात हुए विवाद के बाद रावण पुतला समिति ने पुतला जलाने से इंकार कर दिया। समिति के सदस्य स्टेडियम से पुतला वापस ले गए। इधर गुरुवार को पुतला बाटा चौक के पास खड़ा रखा। दशहरा समिति पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए रावण पुतला समिति के लोग माफी मांगने की जिद पर अड़ गए।
बुधवार की शाम एलआर साह रोड होते हुए बाजार की ओर पुतलों का जुलूस निकाला जा रहा था। चौक बाजार के पास रावण और देवांतक पुतला समिति के सदस्यों में विवाद हो गया था। कुछ ही देर में विवाद मारपीट में बदल गया। इस बीच अफरातफरी का माहौल बन गया।
मामले में कार्रवाई को लेकर दोनों पुतला समितियों ने पुतले रास्ते में ही रोक दिए। रावण के पुतले को भी काफी देर बाजार में रोक नारेबाजी की गई। मौके पर तैनात पुलिस, प्रशासन और दशहरा समिति ने काफी देर समझाया। बमुश्किल दोनों पक्षों के बीच सझौता कराया गया।
काफी देर तक जुलूस रास्ते में ही रुका रहा। समझाने के बाद बमुश्किल पुतलों को स्टेडियम के लिए भेजा गया। लेकिन देर रात स्टेडियम में फिर विवाद हो गया। पुतला समिति ने स्टेडियम में उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया। जिसके बाद रात करीब साढ़े 12 बजे पुतला समिति रावण का पुतला वापस लेकर चले गए। इस दौरान रावण पुतला समिति ने प्रतिकात्मक तौर पर रावण के एक सिर काे अलग से जलाया। लेकिन गुरुवार की सुबह भी पुतला बाटा चौक के पास खड़ा रहा।
देशहरा समिति अध्यक्ष अजीत कार्की ने कहा कि पुतलों के बीच विवाद हुआ था। उसके बाद दोनों में समझौता कराया गया। इसके बाद रावण पुतला समिति पुलते को फिर रात में वापस ले गए। रावण पुतला समिति अध्यक्ष अर्जुन बिष्ट ने कहा कि उनके राम-लक्ष्मण को भी स्टेडियम में नहीं आने दिया। न ही बाजार में हुए विवाद को लेकर कोई कार्रवाई की गई। जिसके विरोध में पुतला वापस ले गए।
स्टेडियम नहीं पहुंचने वाले पुतले अलगे वर्ष से होंगे प्रतिबंधित
प्रदेश भर में प्रसिद्ध अल्मोड़ा दशहरा महोत्सव में अराजकता करने वालों पर अब दशहरा समिति भी नकेल कसेगी। दशहरा समिति अध्यक्ष अजीत कार्की ने कहा कि जो पुतले बुधवार की रात स्टेडियम नहीं पहुंचे उन्हें अगले वर्ष से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। अगले वर्ष से ऐसे पुतलों को स्टेडियम में प्रवेश नहीं दिय जाएगा।