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रामनगर बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर छह घंटे थमी रफ्तार

संवाद सहयोगी भिकियासैंण/अल्मोड़ा : पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण बुधवार की सुबह र

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 11:04 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 11:04 PM (IST)
रामनगर बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर छह घंटे थमी रफ्तार
रामनगर बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर छह घंटे थमी रफ्तार

संवाद सहयोगी भिकियासैंण/अल्मोड़ा : पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण बुधवार की सुबह रामनगर-बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर भिकियासैंण के पास बगड़ीगाड़ के पास फिर कमजोर हो चुकी पहाड़ी दरक गई। जिस कारण मुख्य मार्ग पर मलबा और बोल्डर आ गए। जिस कारण इस मार्ग पर करीब पांच घंटे यातायात ठप रहा।

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पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले दो तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के कारण भिकियासैंण के पास बगड़ीगाड़ पर कमजोर हो चुकी पहाड़ी दरक गई और सड़क पर बड़े बड़े पेड़, मलबा और बोल्डर एकत्र हो गए। मार्ग के बंद होने के कारण रामनगर से अल्मोड़ा, रानीखेत, भतरौंजखान, भिकियासैंण, जैनल, मासी, चौखुटिया, स्याल्दे, देघाट, कर्णप्रयाग और बद्रीनाथ को जाने वाले वाहन जाम में फंस गए। यात्रियों की सूचना के बाद लोक निर्माण विभाग की जेसीबी मशीन मौके पर पहुंची और दो घंटे बाद बड़ी मुश्किल से वाहनों को गंतव्य की ओर रवाना किया गया। लेकिन सुबह नौ बजे के आसपास इस मार्ग पर फिर मलबा आ गया और मार्ग दोबारा बाधित हो गया। मार्ग के बंद होने के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। बाद में फिर लोक निर्माण विभाग की जेसीबी मौके पर पहुंची और करीब तीन घंटे बाद मार्ग को आवागमन के लिए सुचारू किया जा सका। स्थानीय लोगों ने बताया कि बगड़ीगाड़ के पास कमजोर हो चुकी पहाड़ी जरा सी बारिश होने पर भरभराकर गिरने लगती है। लेकिन इस स्थान पर किए जा रहे सुरक्षात्मक कार्यो की धीमी गति के कारण अक्सर यहां से गुजरने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने कहा है कि अगर इस स्थान पर तेजी से सुरक्षात्मक कार्य नहीं किए गए तो कभी भी कोई बड़ा हादसा सामने आ सकता है।

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ठंड में ठिठुरते रहे यात्री

भिकियासैंण : रामनगर-बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर मलबा आने के कारण इस मार्ग पर यात्री घंटों जाम में फंसे रहे। मौसम के खराब होने के कारण यात्रियों को कई घंटे ठंड में ठिठुरने के लिए मजबूर होना पड़ा। लोक निर्माण विभाग की जेसीबी मशीन आने के बाद मार्ग खुला तो यात्रियों ने राहत की सांस ली और वह गंतव्य की ओर रवाना हो सके।


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