रबी की फसल के लिए संजीवनी बनी बारिश
अल्मोड़ा में गुरुवार को हुई बारिश भले ही काश्तकारों को पूरी राहत नहीं दे पाई लेकिन रबी की फसल के लिए संजीवनी साबित होगी। वहीं काश्तकारों के चेहरे भी खिल उठे है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पहाड़ में गुरुवार को हुई बारिश भले ही काश्तकारों को पूरी राहत नहीं दे पाई, मगर रबी की फसल को जीवनदान जरूर मिल गया। जरूरत के मुताबिक फसल को आधी बारिश भी नहीं मिली। वहीं सूखे की स्थिति से फसल को उबरने की उम्मीद है। विदित हो कि जिले में करीब 46,800 हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबी फसल की खेती की जाती है।
अक्टूबर माह से बारिश नहीं होने से काश्तकारों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई थी। इससे कुछ नमी वाले इलाकों में गेहूं, जौ उगा तथा अन्य क्षेत्रों में गेहूं व जौ का जमाव सही तरीके से नहीं हो पाया। तब से बारिश नहीं होने से गेहूं व जौ की पौध में बढ़वार नहीं हो पा रही थी। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार रबी की फसल की बोवाई के बाद इस फसल को नवंबर माह के पहले पखवाड़े में कम से कम 40 मिलीमीटर बारिश की आवश्यकता होती है। मगर इस बार ऐसा नहीं हो पाया। जिससे फसल पर संकट मंडराने लगा था। इससे काश्तकार चिंतित होने लगे। काश्तकार आकाश में बादलों की आवाजाही अथवा थोड़े से बादल देखकर प्रसन्न हो उठते, लेकिन पिछले एक पखवाड़े से बादल आकाश में आ तो रहे थे, लेकिन सायंकाल रफूचक्कर हो जा रहे थे। अंतत: काफी दिनों बाद गुरुवार को इंद्रदेव की कृपा काश्तकारों पर रही। बारिश से उनके चेहरे पर नई चमक निखर आई। बारिश नहीं होने से केवल फसल पर ही असर नहीं पड़ रहा था, बल्कि काश्तकारों द्वारा बोई गई शाक- भाजी भी झुलसने के कगार पर पहुंच गई थी। लोग जैसे तैसे शाक भाजी के पौधों को घर में पानी की बचत कर बचा रहे थे। बारिश रबी की फसल की दृष्टि से भले ही पर्याप्त नहीं हुई, मगर फिलहाल इससे सूखे का संकट जरूर टल गया। गौरतलब है कि जिले में रबी की फसल के कुल कृषि क्षेत्र का सिर्फ पांच प्रतिशत ही सिंचाई सुविधा से जुड़ा है, बाकि 95 प्रतिशत क्षेत्र वर्षा के जल पर ही निर्भर है। पूरे रबी सीजन में इस फसल को कम से कम 300 मिलीमीटर बारिश की आवश्यकता होती है।
चौखुटिया: क्षेत्र में अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। गुरुवार को चौखुटिया समेत आसपास के इलाकों में पूरे दिनभर बारिश होते रही। इससे ठंड में काफी इजाफा हो गया है। बारिश के चलते शादी समारोहों में खलल भी रहा। इससे लोग परेशान रहे, लेकिन जाड़े के सीजन की पहली बारिश होने से रबी की फसल के लिए उपयोगी मानी जा रही है। वहीं भिकियासैंण समेत आसपास के सभी क्षेत्रों में मौसम की पहली बारिश हुई। पूरे दिन बारिश का क्रम बना रहा। ----------
जिले में रबी फसल की स्थिति
गेहूं 40000 हेक्टेयर
जौ 2000 हेक्टेयर
मसूर 2500 हेक्टेयर
लाही व सरसों 1500 हेक्टेयर
चना 300 हेक्टेयर
मटर 500 हेक्टेयर -------------
बारिश के चलते फिलहाल रबी की फसल पर संकट टल गया है। इससे काश्तकारों को राहत मिली है। अब तक इस फसल के लिए कम से कम 40 मिलीमीटर बारिश आवश्यक थी, जो आवश्कता के अनुसार नहीं हो पाई है, लेकिन थोड़ी-बहुत ही सही, इससे रबी फसलों के पौंधों की बढ़वार होगी। वहीं शाक-भाजी वगैरह लगाए काश्तकारों को भी राहत मिलेगी।
- प्रियंका सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी, अल्मोड़ा =========