विभाग व संगठन की भूमिका पर उठाए सवाल
विज्ञप्तिया जारी करने के बावजूद तीन माह से शिक्षकों के पद नहीं भरे जाने पर शिक्षा विभाग के प्रति जताया रोष।
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : शासनादेश के बाद विज्ञप्तिया जारी करने के बावजूद तीन माह से जनपद के 170 सहायक अध्यापकों (प्राथमिक वर्ग) की पदोन्नति का मामला अधर में लटका होने से शिक्षकों में आक्रोश पनपने लगा है। इस मामले में वक्ताओं ने विभाग के साथ साथ संगठन की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। मायूस शिक्षकों ने अब खुद ही आदोलन की राह पकड़ने का मन बना लिया है।
जिला शिक्षा कार्यालय (प्राथमिक) ने जुलाई में जनपद के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति के बाद अगस्त में दिव्याग सहायक अध्यापकों की पदोन्नति के लिए संसोधित विज्ञप्ति निकाली। 26 अगस्त तक च्येष्ठता सूची एवं पदोन्नति के लिए विकल्प पत्र जमा करने को कहा गया। प्रकिया पूरी होने के करीब ढाई माह बाद भी अब तक पदोन्नति नहीं दी गई है। इस मामले को लेकर शनिवार को हुई बैठक में प्रभावित शिक्षकों ने कतिपय लोगों पर जान बूझकर मामले को लटकाने का आरोप लगाया। पदोन्नति के लाभ से वंचित शिक्षकों ने साफ कहा कि मामले में संगठन उनका साथ नहीं देता है तो वह स्वयं आदोलन करने को विवश होंगे। इस दौरान दीपक पाडे, बलवंत नेगी, हरीश अधिकारी, कैलाश पाडे, जगदीश तिवाड़ी, दीपक मेहता, रमेश मेहरा, अभय नाथ, उमेश पाडे, बीना पाडे, ललित कुमार, हरीश चिलवाल, गोवर्धन सिंह, प्रताप जलाल, मनमोहन अधिकारी, कैलाश तिवाड़ी, कुलदीप पाडे आदि मौजूद रहे।
====================
'कुछ खामियों के कारण वरिष्ठता सूची में बदलाव हुआ है। नई सूची शीघ्र जारी के नए सिरे से विकल्प मागे जाएंगे। इस माह के अंत तक सभी प्रक्त्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी।
- एचबी चंद, सीईओ अल्मोड़ा'