रानीखेत में पर्यटन विकास को देंगे बढ़ावा : डीएम
संवाद सहयोगी, रानीखेत : डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने कहा, अल्मोड़ा महोत्सव की परंपरा क
संवाद सहयोगी, रानीखेत : डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने कहा, अल्मोड़ा महोत्सव की परंपरा को और विस्तार दिया जाएगा। पर्यटन विकास पर जोर देते हुए कहा, रानीखेत को खास बढ़ावा देने की जरूरत है। 'बर्ड वॉचिंग' इसकी शुरूआत है। वार्षिक कलेंडर तैयार किया जाए। ताकि सीजन के मुताबिक पक्षी अवलोकन से जुड़ी गतिविधियां संचालित की जा सकें। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। डीएम ने कहा, इसी के मद्देनजर नवंबर से प्रत्येक गुरुवार प्रशासनिक अमला रानीखेत में कैंप करेगा।
डीएम नितिन अल्मोड़ा महोत्सव की श्रृंखला में पर्यटन नगरी में तीन दिनी बर्ड वाचिंग कार्यशाला के समापन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, पक्षियों के आगमन व पलायन वाले सीजन को देखते हुए वार्षिक कलेंडर बनाया जाय। इसमें विभिन्न पक्षी प्रजातियों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। पर्यावरणी संतुलन में अहम बताते हुए डीएम ने पक्षियों के संरक्षण को आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रशासनिक व पर्यटन विभाग से पूरी मदद दिलाई जाएगी। उन्होंने नेशनल जिम कॉर्बेट पार्क से पहुंचे पक्षी विशेषज्ञ राजेश भट्ट, अनिल चौधरी व मोहन पांडे को सम्मानित भी किया।
इस मौके पर संयुक्त मजिस्ट्रेट हिमाशु खुराना, नेचर फोटोग्राफर धीरेंद्र सिंह बिष्ट, दीपक वर्मा, कमल गोस्वामी, हिमाशु उपाध्याय, कान्हा साह, सुबोध शाह, धीरेंद्र बिष्ट, बीन जैन, महिराज मेहरा, जेसी पंत, वृंदा पंत, अजय प्रसाद, सीएस जैन, उमा उपाध्याय, बीएस मनराल आदि मौजूद रहे। संचालन हिमाशु उपाध्याय ने किया।
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रानीखेत में 50 से ज्यादा परिंदों की पहचान
रानीखेत : जैवविविधता से लबरेज पर्यटन नगरी के विभिन्न वन क्षेत्रों में बर्ड वॉचरों व विशेषज्ञों ने तीन दिन में 50 से ज्यादा पक्षी प्रजातियों का दीदार कर अध्ययन किया। कार्यशाला में नेशनल जिम कॉर्बेट पार्क (सीटीआर) के पक्षी विशेषज्ञ राजेश भट्ट ने कहा कि रानीखेत में बर्ड वॉचिंग का सुनहरा भविष्य है। प्रशासन व सरकारों को इस दिशा में ठोस पहल करने की जरूरत है। परिंदों के गुण मसलन, कीट व अनाजभोजी, जलसतह, खोजी, छनन, फल पक्षी, रसास्वादन, अन्वेशी आदि की बारीक जानकारी दी। पहचान के सूत्र बताते हुए उन्होंने पक्षी प्रेमियों को आकार व आकृति, रंग, व्यवहार, आवास, निशान, बोली, ध्वनि व गीत आदि रोचक पहलुओं से रूबरू कराया। उन्होंने कहा, साठ फीसद बर्ड वॉचिंग कानों से की जाती है। इसमें एकाग्रता व शाति जरूरी। साथ ही पंछियों के वर्ग व विशेष प्रजातियों का अध्ययन के तरीके बताए।
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डीएम से मिले व्यापारी नेता, बोले- उपेक्षा हुई
बर्ड वॉचिंग कार्यशाला में पहुंचे डीएम के समक्ष व्यापारी नेताओं ने उपेक्षा का मुद्दा उठाया। कहा कि रानीखेत में शरदोत्सव की परंपरा वर्षो पुरानी है। उपेक्षा के कारण आयोजन नहीं हो पा रहे। अल्मोड़ा महोत्सव की पहल को सराहनीय बताते हुए व्यापारी नेताओं ने कहा कि रानीखेत को इसका हिस्सा तो बनाया गया। मगर स्थानीय स्तर पर प्रतिनिधियों व लोक कलाकारों को न बुलाकर उपेक्षा की गई। इस पर डीएम ने कहा, आयोजन से पूर्व यदि पक्ष रखा जाता तो निश्चित तौर पर रानीखेत में वृहद आयोजन कराए जाते। भरोसा दिलाया कि पर्यटन नगरी में आगे बड़े आयोजन कराए जाएंगे। इस मौके पर व्यापार मंडल अध्यक्ष भगवंत सिंह नेगी, दीपक अग्रवाल, दीपक पंत आदि मौजूद रहे।