ग्रामीण क्षेत्रों में टैंकरों से प्यास बुझा रहे लोग
पिछले दो दिनों की बारिश के बाद भी अल्मोड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट व्याप्त है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पिछले दो दिनों की बारिश के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार को भी जल संस्थान ने विभागीय व किराये पर लिए गए टैंकरों से नगर के आसपास के क्षेत्रों के लोगों को पेयजल वितरित किया। वहीं सड़क से दूर बसे ग्रामीणों ने आसपास के नौलों व धारों से पानी ढोकर काम चलाया।
जिला मुख्यालय के आसपास से लगे ग्रामीण क्षेत्रों दाड़िमी, जलना, द्योनाथल, कनरा, सल्ला बैंड, मैचोड़ व बेस चिकित्सालय के डाक्टर्स हॉस्टल में पिछले करीब एक पखवाड़े से पेयजल किल्लत बनी है। इन स्थानों पर जल संस्थान के टैंकर लोगों की प्यास बुझा रहे है। जल संस्थान की अवर अभियंता तनुजा मेहता का कहना है कि पेयजल किल्लत वाले ग्रामीण क्षेत्रों में जल संस्थान के विभागीय व किराए में लिए गए टैंकरों से हर रोज पेयजल वितरित किया जा रहा है।
इधर जल संस्थान के अधिशासी अभियंता केएस खाती का कहना है कि विभाग उपभोक्ताओं के हितों के लिए सजग है। जिन क्षेत्रों से पेयजल किल्लत की शिकायत आ रही है, वहां तुरंत टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जा रही है।
चौखुटिया में नागर-चौखुटिया पंपिंग पेयजल योजना के मुख्य पंप हाउस में आई तकनीकी खराबी अभी भी ठीक नहीं हो सकी है। इससे योजना से जुड़े करीब डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में बीते तीन दिन से पेयजल संकट बना है। नतीजा गांवों के वाशिंदे बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। जो दूर दूर से पैदल चलकर पानी की व्यवस्था करने को विवश हैं। सड़क किनारे लगे हैंडपंपों पर पानी भरने वालों की लंबी लाइन लगी है। चौखुटिया नगर समेत गनाई, दिगौत, पीपलधार, बोरागांव, फुलई, धुधलिया, बेतनधार, नागाड़ व उड़लीखान आदि गांवों के लिए यहां अखेती गांव के पास रामगंगा नदी किनारे बने पंपिंग योजना से पेयजल की आपूर्ति होती है। तीन दिन पूर्व पंप हाउस पर लगे मोटर का स्टार्टर जल जाने से योजना से जुड़े सभी गांवों की पेयजल वितरण व्यवस्था ठप पड़ी है। ऐसे में लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह सड़क से लगे हैंड पंपों पर ग्रामीणों को पानी भरने के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। जबकि दूर गांवों के लोग मीलों दूर से पीने के पानी की व्यवस्था करने में लगे हैं। फसल कटाई कार्य के चलते यह समस्या और गहरा गई है। ग्रामीणों ने शीघ्र आपूर्ति सुचारू करने की मांग की है।