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बादलों की गड़गड़ाहट पर सहम उठते हैं लोग

द्वाराहाट के अल्मिया गाव में बारिश के दौरान भूस्खलन की घटनाअंों से ग्रामीणों में दहशत है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 07:29 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 07:29 AM (IST)
बादलों की गड़गड़ाहट पर सहम उठते हैं लोग
बादलों की गड़गड़ाहट पर सहम उठते हैं लोग

संवाद सहयोगी,द्वाराहाट : सप्ताहभर पूर्व अल्मिया गाव में मकान ध्वस्त हो जाने से मा-बेटियों के जिंदा दफन हो जाने की घटना के बाद भी गांव के बेहद जर्जर और टूटे मकानों में कुछ परिवार शरण लिए हुए हैं। उस पर मौसम विज्ञानी की भारी बारिश की चेतावनी ने इन लोगों की नींद उड़ा रखी है। प्रशासन पूर्व की घटना के बाद तीन परिवारों को शिफ्ट कर दिए जाने की बात कर रहा है मगर तंगहाल आठ परिवारों के सम्मुख अपने घरों में रहने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है। ऐसे में कई लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ी है।

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अल्मिया गाव में सात जुलाई को बारिश के दौरान एक पुराने मकान के जमींदोज हो जाने से तीन जिंदगिया काल का ग्रास बन गई थीं। उसी गाव में कई अनुसूचित जाति परिवार जर्जर मकानों में रहने को विवश हैं। खास तौर पर खष्टी देवी, भागुली देवी, हरीश राम, गिरीश राम, हीरा राम, नर राम, सोबन राम, मदन राम व हरीश चंद्र के मकानों की हालत बेहद खराब है। मकान आज लकड़ी के टेकों के सहारे खड़े हैं। खष्टी देवी के मकान की हालत बेहद नाजुक है। पीछे की छत गिर गई है। दीवारों में दरार है। इमारती लकड़ी सड़ चुकी है। पति जगदीश राम के करीब छह वर्ष पूर्व देहांत के बाद 16 वर्षीय दिव्याग पुत्र तथा दो पुत्रियों की जिम्मेदारी उस पर आ गई है। बारिश के मौसम में आपदा की आशंका से परिवार दहशत में जी रहा है। शासन प्रशासन की मानें तो ऐसों को घर देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अलावा अन्य कोई मद नहीं। भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद इन्हें अन्यत्र भी शिफ्ट नहीं किया जा रहा। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

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अल्मिया गाव में करीब दर्जनभर अनुसूचित जाति परिवार टूटे मकानों में निवास कर रहे हैं। प्रशासन को इनका निरीक्षण करवा दिया गया है। इन मकानों की मरम्मत अथवा नए मकान के लिए तत्काल कोई व्यवस्था न होने की बात की जा रही है। जिन परिवारों को शिफ्ट किया गया, वह भी अपने मकानों में लौट चुके हैं। जर्जर मकानों में निवास करने वाले परिवारों को खतरा बना हुआ है।

- प्रताप राम, ग्राम प्रधान अल्मियागाव।

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सात जुलाई की दुर्घटना के बाद अल्मियागाव में पुराने मकानों का सर्वे करवाया गया था। दो परिवारों को पंचायत भवन तथा एक परिवार को आगनबाड़ी केंद्र में विस्थापित किया गया।

- आरके पाडे, उप जिलाधिकारी द्वाराहाट


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