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हस्तशिल्प प्रदर्शनी का विरोध, व्यापारी नेताओं व उद्यमियों में तकरार

संवाद सहयोगी, रानीखेत : पहाड़ में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से लगी हस्तशिल्प प्रदश

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 11:06 PM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 11:06 PM (IST)
हस्तशिल्प प्रदर्शनी का विरोध, व्यापारी नेताओं व उद्यमियों में तकरार
हस्तशिल्प प्रदर्शनी का विरोध, व्यापारी नेताओं व उद्यमियों में तकरार

संवाद सहयोगी, रानीखेत : पहाड़ में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से लगी हस्तशिल्प प्रदर्शनी तीसरे दिन स्थानीय व्यापारियों के विरोध का शिकार हो गई। हंगामे के बीच व्यापारी नेताओं ने विभिन्न पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों के स्टॉल बंद करा दिए। इससे अफरा- तफरी मच गई। आरोप लगाया कि हस्तशिल्प की आड़ में कारखानों का माल उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा। इससे नगरीय कारोबार प्रभावित होने लगा है। साथ ही प्रदर्शनी को बंद करने की चेतावनी तक दे डाली। उधर खूंट धामस (अल्मोड़ा) आदि इलाकों से पहुंचे बुनकर व लघु उद्यमियों ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। वहीं संयुक्त मजिस्ट्रेट ने कहा, प्रदर्शनी बंद नहीं की जाएगी।

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पर्यटन नगरी के रंगोली आंगन में गुरुवार को राज्य स्तरीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ था। मगर तीसरे ही दिन इस पर विरोध की धुंध छा गई। शनिवार को प्रातीय उद्योग व्यापार मंडल नगर अध्यक्ष भगवंत सिंह नेगी के नेतृत्व में तमाम व्यापारी नेता प्रदर्शनी में जा धमके। वहां लगे स्टॉल बंद करा दिए। इससे हस्तशिल्पी व बुनकरों की व्यापारी नेताओं से तीखी नोकझोंक हुई।

स्टॉल लगाए बैठे उद्यमियों का तर्क था कि वह वर्षो से आते रहे हैं। अब कभी नहीं आएंगे। दूसरी ओर व्यापारी नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनी की आड़ में कारखानों का उत्पाद खपाया जा रहा। प्रदर्शनी से स्थानीय व्यापारियों को काफी नुकसान होने लगा है। उनकी दुकानों का माल तक नहीं बिक रहा। उन्होंने प्रशासन पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया। विरोध करने वालों में व्यापार मंडल अध्यक्ष भगवंत नेगी, उपाध्यक्ष दीपक अग्रवाल, उपसचिव मनोज पंत, पंकज साह, गोविंद बिष्ट, सुरेश जोशी, नारायण सिंह, दीवान नेगी, रामेश्वर गोयल आदि शामिल रहे। उधर सायं दोनों पक्ष कोतवाली पहुंचे। एसएसआई की मध्यस्ता में बातचीत भी हुई।

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ताड़ीखेत के किसान मायूस

प्रदर्शनी में अबकी पहली बार ताड़ीखेत ब्लॉक के प्रगतिशील किसानों की उपज को भी जगह मिली। उद्यान विभाग के स्टॉल में जैविक सब्जियों की बिक्री के बहाने पर्वतीय किसानों को प्रोत्साहन मिल रहा था। मगर प्रदर्शनी के विरोध से वे तमाम किसान मायूस हो गए जिन्होंने उपभोक्ताओं की मांग पर अपनी उपज यहां तक पहुंचाई थी।

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'हस्तशिल्प की आड़ में मिक्सी आदि कारखानों के उत्पाद बेचे जा रहे। इससे त्योहारी सीजन में व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा। हम हस्तशिल्प से जुड़े उत्पाद व बुनकरों का विरोध नहीं कर रहे। हाथ से बने उत्पादों के स्टॉल बंद नहीं कराए। फैक्ट्रियों का माल बेचे जाने के खिलाफ हैं।

- भगवंत नेगी, अध्यक्ष प्रातीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल'

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'पहाड़ के ही रहने वाले हैं। यहां बने उत्पाद बेच रहे। रानीखेत में हर साल स्टॉल लगाते हैं। प्रशासन ने इसकी अनुमति दी है। पहाड़ के उद्यमियों का अपने ही जिले में विरोध होगा तो पर्वतीय उद्यमी व किसान आगे कैसे बढ़ेगा। ऐसे तो पहाड़ में हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलने से रहा। अगली बार से नहीं आएंगे।

- जगदीश बिष्ट, उद्यमी खूंट धामस (अल्मोड़ा)'

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'कैंट बोर्ड व प्रशासन से हस्तशिल्प प्रदर्शनी की अनुमति दी गई है। व्यापार मंडल पदाधिकारियों से वार्ता करेंगे। मामला सुलझा कर प्रदर्शनी में लगे स्टॉल खुलवाए जाएंगे।

-हिमांशु खुराना, संयुक्त मजिस्ट्रेट'


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