ऑनलाइन पढ़ाने वाले विद्यालय ही शिक्षण शुल्क लें
सीईओ ने कहा कि निजी विद्यालय संचालक अभिभावकों से उसके पाल्य का केवल शिक्षण शुल्क ही लें। अन्य शुल्क नहीं लिया जाए।
अल्मोड़ा, जेएनएन : निजी विद्यालय संचालक अभिभावकों से उसके पाल्य का केवल शिक्षण शुल्क ही लें। अन्य शुल्क नहीं लिया जाए। जल्द ही फीस का निर्धारण कर उसे विद्यालय प्रबंधन समिति से अनुमोदित करा कर इसकी सूचना बीईओ व सीईओ कार्यालय को भी दें। इस संबंध में शासन व न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना जरूरी है। यह बात मुख्य शिक्षा अधिकारी हर्ष बहादुर चंद ने सीईओ कार्यालय सभागार में विद्यालयों के संचालकों से कही।
विदित हो कि पिछले दिनों अनेक अभिभावकों ने विभागीय अधिकारियों को यह सूचना दी थी कि अनेक विद्यालय अभिभावकों से शिक्षण शुल्क के साथ ही अन्य शुल्क भी ले रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को यह बैठक बुलाई गई। इसमें निजी विद्यालयों के अनेक संचालकों ने भी अपनी-अपनी समस्याएं रखीं। उनका कहना था कि विद्यालयों के शिक्षकों की ओर से बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण कराया जा रहा है। इसलिए शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए शुल्क लिया जा रहा है। मुख्य शिक्षा अधिकारी चंद ने सभी वक्ताओं की बात को गौर से सुनने के बाद कहा कि जल्द ही सभी विद्यालय शुल्क का निर्धारण कर इसकी सूचना सीईओ कार्यालय को भी दें। उन्होंने कहा कि अभिभावकों से एकमुश्त शुल्क न लिया जाए। यदि अभिभावक असमर्थ है तो उस पर अनावश्यक दबाव न बनाया जाए। यदि एडवांस शुल्क लिया गया है तो उसे समायोजन का प्रयास किया जाए। चंद ने कहा कि शिक्षण शुल्क केवल वे ही विद्यालय ले सकते हैं, जो विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षण प्रदान कर रहे हैं। बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी पीएस जंगपांगी, बीईओ धौलादेवी चंदन सिंह बिष्ट, परीक्षा प्रभारी बलबीर सिंह भाकुनी, प्रबंधक कमल कुमार बिष्ट, गिरिजा किशोर पाठक, भावना मल्होत्रा, विनोद भट्ट, प्रदीप कुमार गुरुरानी, बलवंत सिंह बिष्ट, गोदावरी चतुर्वेदी के साथ ही मनोज सनवाल, त्रिलोचन जोशी, सुशील साह, रमेश लोहनी, पीतांबर पांडे, पूरन रौतेला समेत हवालबाग क्षेत्र के विभिन्न निजी विद्यालयों के प्रबंधक, संचालक व प्रधानाचार्य मौजूद थे।