तेवर तल्ख, अब आमरण अनशन का एलान
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: छह दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुनवाई न होने से तड़ागताल के
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: छह दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुनवाई न होने से तड़ागताल के ग्रामीणों के तेवर तल्ख हो चले हैं। उपका कहना है कि यदि शीघ्र मांगें नहीं मानी गई तो वे आमरण अनशन शुरू कर देंगे। चक्का जाम व तहसील घेराव की भी चेतावनी दी है। इधर क्रमिक अनशन बुधवार को छठे दिन भी जारी रहा। साथ में धरना भी चल रहा है। आसपास के गांवों से भी कई लोग समर्थन देने आंदोलन स्थल पर पहुंचे।
तड़ागताल विकास संघर्ष समिति के आह्वान पर दो सूत्रीय मांगों को लेकर गांव के पास खुले मैदान में चल रहे क्रमिक अनशन में बुधवार को मोहनी देवी, नंदी देवी, वयोवृद्ध हिम्मत सिंह (85) वर्ष व भूर सिंह (78) वर्ष बैठे। जिन्हें ग्रामीणों ने नारेबाजी के बीच माल्यार्पण के साथ बैठाया। इससे पहले पांचवें दिन के क्रमिक अनशनकारियों को जूस पिलाकर उठाया गया। समर्थन में भावना देवी, हंसी देवी, दीपा देवी, हेमा देवी, खिमुली देवी, तारा, पार्वती, गोपाल सिंह, हीरा सिंह, मथुरा सिंह, हिम्मत सिंह ने धरने में सहभागिता की।
रोज की तरह हुई सभा में वक्ताओं ने सुनवाई न होने पर तीव्र नाराजगी व्यक्त कर कहा कि अब वे मांगें मनवाए बगैर किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे। इसके लिए उन्होंने आमरण अनशन शुरू करने का एलान किया। साथ ही तहसील घेराव व चक्का जाम करने की भी बात कही। संचालन प्रेम सिंह मेहरा ने किया।
----------------- तड़ागताल ग्राम पंचायत ढनाण का हिस्सा है
बुजर्ग ग्रामीण रूद्र सिंह व नंदन सिंह का कहना है कि राजस्व गांव तड़ागताल ग्राम पंचायत ढ़नाण का हिस्सा है, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के चलते वर्ष 2002 में नौगांव बैडि़या में शामिल कर दिया गया। बरसात के सीजन में ताल भर जाने से तड़ागताल गांव का नौगांव से पूरी तरह संपर्क टूट जाता है।
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आंदोलन में बुजुर्गो की भागीदारी बढ़ी
धीरे धीरे आंदोलन में बुजुर्गो की सक्रियता बढ़ने लगी है। जो रात को कड़ाके की ठंड केबीच क्रमिक अनशन स्थल पर डटे हैं। खुला मैदान होने के कारण ग्रामीण परेशानी झेल रहे हैं, लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं।