अब 33 फीसद फसल क्षति पर मुआवजा
संवाद सहयोगी रानीखेत कोसी घाटी के फल उत्पादक काश्तकारों में ओलावृष्टि व अंधड़ से बर्बाद ह
संवाद सहयोगी, रानीखेत : कोसी घाटी के फल उत्पादक काश्तकारों में ओलावृष्टि व अंधड़ से बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा मिलने की उम्मीद जगी है। इसके लिए उद्यान विभाग ने क्षति के आंकलन को सर्वे तेज कर दिया है। विभाग के अनुसार पूर्व में 50 फीसद नुकसान पर मुआवजा दिया जाता था जिसे अब 33 फीसदी कर दिया गया है।
याद रहे कोसी घाटी के फल उत्पादक क्षेत्र हली, हरतपा, बारगल, कफूल्टा, रामगाढ़ सहित तमाम गावो में पूलम, खुमानी व आढू की बंपर पैदावार होती है। मगर इस बार अंधड़ व ओलावृष्टि से फसल को खासा नुकसान हुआ है। काश्तकारों का कहना है कि उनके उत्पाद उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई आदि बडे़ शहरों में भेजे जाते हैं। लेकिन अंधड़ व ओलावृष्टि ने फलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। बीते अंक में 'दैनिक जागरण' ने मामला प्रमुखता से उठाया था। संज्ञान लेते हुए उद्यान विभाग ने 33 फ़ीसद नुकसान वाले काश्तकारों मुआवजे की श्रेणी में रखा गया है। जो पूर्व में 50 फीसद था।
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'ओलावृष्टि व अंधड़ से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। विभागीय सर्वे के साथ ही राजस्व विभाग से भी सर्वे को पत्राचार किया गया है। 33 फ़ीसद नुकसान के दायरे में आने वाले किसानों की सूची तैयार कर मुआवजा दिलाया जाएगा।
-भावना जोशी, जिला उद्यान अधिकारी नैनीताल'
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