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परिवार की जिम्मेदारियों के बाद भी नहीं खोया हौसला

संवाद सहयोगी अल्मोड़ा मन में अगर कुछ करने का जज्बा हो तो कठिन से कठिन राह भी आसा

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 11:29 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 11:29 PM (IST)
परिवार की जिम्मेदारियों के बाद भी नहीं खोया हौसला
परिवार की जिम्मेदारियों के बाद भी नहीं खोया हौसला

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : मन में अगर कुछ करने का जज्बा हो तो कठिन से कठिन राह भी आसान हो जाती है। ऐसे ही जज्बे की जीती जागती मिशाल हैं जिले के भेटुली गांव की पुष्पा भोज। जिन्होंने माता पिता की मृत्यु के बाद भी अपने हौंसले का कायम रखा और सीखने की लालसा को पूरा कर उच्च शिक्षा भी प्राप्त की।

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अल्मोड़ा तहसील के भेटुली गांव निवासी पुष्पा भोज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय इंटर कालेज डीनापानी से शुरू की, लेकिन 11वीं कक्षा में पुष्पा की मां की अचानक मृत्यु हो गई। मां की मौत के बाद पुष्पा के ऊपर घर की तमाम जिम्मेदारियां आ गई। जिस कारण उन्हें अपनी पढ़ाई भी छोड़नी पड़ गई। लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी पुष्पा ने हार नहीं मानी और 12वीं कक्षा की परीक्षा व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इंटर की परीक्षा पास करने के बाद पुष्पा ने छोटी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकालना भी शुरू कर दिया। अपने दम पर पुष्पा ने संस्कृत विषय से स्नातक, परास्नातक, पीएचडी की पढ़ाई भी पूरी की। एसएसजे परिसर में शोधकार्य किया और बीएड, यूटेट, सी टेट की परीक्षा भी पास की। पुष्पा के कई शोध पत्र और लेख कई पत्रिकाओं में प्रकाशित भी हो चुके हैं। पीएचडी के शोध कार्य के दौरान पुष्पा के पिता की भी मृत्यु हो गई। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपने जज्बे में कोई कमी नहीं आने दी। वर्तमान में पुष्पा बच्चों को पढ़ाने के साथ ही लेक्चरर की लिखित परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुकी हैं।


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