परंपरागत सीट नहीं, लेकिन फिर भी हुई हैं गलतियां
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कुमाऊं की सबसे पुरानी नगर पालिका अल्मोड़ा में निकाय चुनावों के र
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कुमाऊं की सबसे पुरानी नगर पालिका अल्मोड़ा में निकाय चुनावों के रण में औंधे मुंह गिरी भाजपा ने अब हार के कारणों की समीक्षा शुरू कर दी है। पार्टी नेताओं को इस बार इस पालिका में इतिहास रचने की पूरी पूरी उम्मीद थी। लेकिन कांग्रेस पार्टी के अनुभवी उम्मीदवार के सामने बड़े नेताओं का कद चुनावों में कम पड़ गया।
निकाय चुनावों की मतगणना के बाद जो परिणाम सामने आए उससे भाजपा नेताओं को निराशा ही हाथ लगी है। परिणामों में पार्टी उम्मीदवार को ऐसे बूथों तक से उम्मीद के अनुरूप वोट नहीं मिल पाएं। जिन बूथों से पार्टी के दिग्गज नेता संबंध रखते हैं। ऐसे में पार्टी उम्मीदवार को हार का सामना करना लाजिमी थी। पार्टी कार्यकर्ताओं की मानें तो उन्होंने अपने उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार से कोई कमी नहीं छोड़ी। पार्टी की नीतियों का भी पूरा पूरा प्रसार किया। लेकिन इसके बाद भी जो परिणाम सामने आएं हैं, वह निराश करने वाले ही हैं। फिलहाल चुनाव परिणामों के बाद भाजपा हार का गणित लगाने में जुट गई है। नगर के कुछ राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा में बेहद चुनाव प्रबंधन की कमी और पार्टी के अंदर कार्यकर्ताओं का आपसी कलह भी उम्मीदवार की हार का कारण बना।
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अल्मोड़ा नगर पालिका हमारी परंपरागत सीट नहीं है। लंबे समय से इस सीट पर कांग्रेस या फिर निर्दलीय जीतते आए हैं। लेकिन फिर भी इस बार नगर में हमारा मत प्रतिशत बढ़ा है। कोशिश की जाएगी कि इस बार की गलतियों को सुधारा जाए।
रघुनाथ सिंह चौहान, विधानसभा उपाध्यक्ष व विधायक, अल्मोड़ा
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बृजेश तिवारी